- मेट्रो की डीपीआर में प्रस्तुत की गई है रिपोर्ट

- रोड पर चलने वाले सार्वजनिक वाहनों में कम होगा पैसेंजर्स का दबाव

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LUCKNOW: राजधानी में शनिवार का जहां मेट्रो में 65 हजार से अधिक यात्रियों ने सफर किया वहीं संडे को यह संख्या और भी बढ़ गई. यही हाल रहा तो 2020 तक राजधानी में करीब 6 लाख लोग रोज मेट्रो में यात्रा करेंगे. डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट में यह पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है. मेट्रो में बेहतर सफर की सुविधा मिलने पर यात्री रोड पर चलने वाले वाहनों से दूरी बनाना शुरू कर देंगे.

रोड पर कम हो जाएंगे वाहन

डीपीआर सर्वे में स्पष्ट किया गया कि अगले साल 2020 में चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन से मुंशीपुलिया मेट्रो स्टेशन तक डेली 6 लाख 44 हजार से अधिक यात्री सफर करेंगे. वहीं दस साल बाद 2030 में इसकी संख्या दस लाख से अधिक हो जाएगी. साथ ही डीपीआर में यह भी कहा गया है कि चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन से मुंशीपुलिया मेट्रो स्टेशन तक रोड पर चलने वाले सार्वजनिक वाहनों में यात्रियों का दबाव कम होगा. जाम और पार्किंग की समस्या को देखते हुए प्राइवेट वाहनों में चलने वाले भी मेट्रो का वरीयता देंगे.

बाक्स

डीपीआर

नार्थ साउथ कॉरीडोर

लंबाई- 23 किमी लगभग

यात्री- 2020 में अनुमानित 6,44, 659 डेली

2030 में अनुमानित 10,54,290 डेली

असर- सार्वजनिक वाहनों में यात्रियों की संख्या तो कम होगी ही साथ ही इन वाहनों की संख्या भी घटेगी.

बाक्स

पड़ने वाला असर प्रतिशत में

व्हीकेल पैसेंजर्स की कमी व्हीकेल की कमी

बस 14.53 0.80

मिनी बस 3.63 0.42

कार 1.54 1.02

टैक्सी 0.17 94.09

टू व्हीलर 75.85 94.09

ऑटो 4.27 3.56

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टू व्हीलर पर ज्यादा असर

डीपीआर के अनुसार मेट्रो चलने से सर्वाधिक टूव्हीलर चालक प्रभावित होंगे. 75 फीसद टूव्हीलर चालक मेट्रो में सफर को ही वरीयता देंगे. मेट्रो में इनके सफर करने से रोड पर करीब 90 फीसद तक वाहन कम हो जाएंगे.