21 स्थानों को चिन्हित कर बनाई जाएगी ग्रीन बेल्ट

धूल के कणों से बढ़ रहा प्रदूषण ताज को पहुंचता है नुकसान

आगरा। ताजमहल की संगमरमरी इमारत वक्त के साथ सफेद से पीली होती जा रही है। इसको रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी कड़ा रुख अपनाया हुआ है और शासन को कई दिशा-निर्देश जारी किए हुए हैं। ऐसे में अब ताज को बेदाग करने के लिए शासन के निर्देश पर वन विभाग योजना तैयार कर रहा है। विभाग द्वारा ताज पर एयर पॉल्यूशन के इफैक्ट को रोकने के लिए ग्रीन बेल्ट का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है।

21 स्थानों पर बनेगी ग्रीन बेल्ट

ताज को बेदाग करने के लिए शहर में उत्तर-पश्चिम और दक्षिण की ओर 21 स्थानों पर पौधे रोपे जाएंगे। विजन डॉक्यूमेंट में भी इसको लेकर उल्लेख किया गया था। वन विभाग के अफसरों की मानें तो उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पूर्व की ओर से ज्यादा हवाएं चलती हैं, जो प्रदूषणकारी हैं। इनके साथ व्यापक पैमाने पर धूल के कण आते हैं, जो ताज को नुकसान पहुंचाने के साथ प्रदूषण में इजाफा करते हैं। वन विभाग द्वारा सर्वे का काम किया जा रहा है। अभी तक गूगल सर्च में 21 स्थान आए हैं। इन पर ग्रीन बेल्ट विकसित की जाएगी। जो विन्ड ब्लॉकर के रुप में कार्य करेगी।

एयर पॉल्यूशन के लिए बजट निर्धारित

बता दें कि शहर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 10 करोड़ का बजट केन्द्र सरकार द्वारा पहले से ही प्रस्तावित है। इसमें 30 फीसदी बजट वायु प्रदूषण को कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ऑटोमेटिक एयर इंडेक्स मापांक सेंटर स्थापित किए जाएंगे। पौधरोपण कर ग्रीनरी में तो इजाफा किया ही जाएगा। समय-समय पर वाटर स्प्रिंकलर से स्प्रे भी किया जाएगा। ताज के 500 मी। के दायरे में तन्दूर के लिए इलैक्ट्रोनिक भट्टियों को बढ़ावा देने के साथ प्रदूषण जांच केन्द्रों की संख्या में इजाफा भी किया जाएगा। इसके अलावा चौराहे पर फुब्बारे भी लगाए जाएंगे।

तीन विभाग पूरी करेंगे योजना

इस बारे में डीएफओ मनीष मित्तल ने बताया कि हम अभी सर्वे करवा रहे हैं। इसमें 21 स्थान संभावित हैं। इनका भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इसमें नगर निगम, एडीए और वन विभाग तीनों मिलकर योजना को पूरा करेंगे।

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एयर एक्शन प्लान भी किया गया है तैयार

शहर में बढ़ते हुए प्रदूषण को कम करने के लिए एयर एक्शन प्लान की जरूरत समझी गई। यूपीपीसीबी (उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) द्वारा तैयार किए गए एयर एक्शन प्लान को सीपीसीबी (केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड)ने एप्रूव्ड किया है। इसमें सीपीसीबी ने एक्यूआइ का मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मी। प्रति वर्ष रखी है। बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने देश के 120 शहरों में वायु प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए एयर एक्शन प्लान तैयार किया है।