हरी-भरी से काम छीनने और हटाने का प्रस्ताव नगर निगम में पास

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PRAYAGRAJ: चार साल बाद टारगेट के 20 फीसदी तक भी हरी-भरी नहीं पहुंच पायी है. इसलिए प्रयागराज को 'हरी-भरी' की जरूरत नहीं है. नगर निगम शहर की सफाई व्यवस्था खुद संभालेगा. डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन के साथ बसवार प्लांट तक कचरा पहुंचाएगा. मंगलवार को मिनी सदन में मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी की अध्यक्षता में मौजूद सभी पार्षदों ने सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया.

पार्षदों ने निकाली भड़ास

बरसात के पहले नाला सफाई व्यवस्था की समीक्षा व कमियों पर चर्चा के लिए मंगलवार को मिनी सदन बुलाई गई थी. चर्चा की शुरुआत नाला सफाई से नहीं बल्कि हरी-भरी के मनमानी से हुई. पार्षदों ने एक सुर में हरी-भरी के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. पार्षदों ने कहा कि किसी भी कीमत में हरी-भरी से कोई काम नहीं कराया जाना चाहिए.

किसके 'आर्शीवाद' से चल रही

करीब एक वर्ष पूर्व मिनी सदन में हरी-भरी से काम छीनने का संकल्प पारित हुआ था

नगर विकास मंत्री हरी-भरी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा चुके हैं

इसके बाद भी हरी-भरी का बाल भी बांका नहीं हुआ क्यों?

एनजीटी की रिपोर्ट के लिए नगर निगम जिम्मेदार नहीं

मेयर अभिलाषा गुप्ता ने कुंभ मेला के कचरे को लेकर एनजीटी की रिपोर्ट पर कहा कि मेला प्राधिकरण और स्वास्थ्य विभाग इसका जिम्मेदार है. मेला से कचरा उठवाकर बसवार प्लांट तक पहुंचाना मेला प्राधिकरण का काम था. प्लांट में कचरा निस्तारित करने की जिम्मेदारी हरी-भरी की थी. नगर निगम का कोई रोल नहीं था तो फिर निगम कैसे जिम्मेदार हो गया.

लिए गए महत्वपूर्ण फैसले

किसी भी वार्ड में हरी-भरी डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन नहीं करेगी

नगर निगम खुद कूड़ा कलेक्शन कराएगा.

कर्मचारियों को आउटसोर्स पर रखा जाएगा.

बसवार प्लांट का अधिकार भी हरी-भरी से वापस लिया जाएगा

डीटीडीसी कराने के बाद प्लांट चलाने के लिए नगर निगम किसी प्राइवेट एजेंसी से संपर्क करेगा, जो कचरा निस्तारण में माहिर हो.

निगम ने हरी-भरी को करोड़ों रुपये के वाहन दिए थे. ये खराब हो चुके हैं इसका पैसा हरी-भरी से वसूला जाएगा.

पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए हरी-भरी के खिलाफ रिपोर्ट कराई जाएगी