अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर व विस्फोटक मिला लावारिस

इलाहाबाद जंक्शन के गेट नंबर दो पर बोरी में भरा मिला

ALLAHABAD: किसने मंगवाया? इलाहाबाद में ही इस्तेमाल होने के लिए आया था या कहीं और भेजा जाना था? इसे मंगवाने का मकसद क्या था? यह सवाल उठ खड़ा हुआ इलाहाबाद जंक्शन पर अंडर बैरल ग्रेनेड लांच और विस्फोटक मिलने के बाद। सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुट गई हैं। एटीएस, एसटीएफ के साथ आईबी सक्रिय हो गई है। सूत्रों का कहना है कि आतंक का जितना सामान मिला है वह जंक्शन पर तबाही मचाने के लिए काफी था। संयोग अच्छा था कि इस्तेमाल से पहले ही यह सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लग गया। इससे इलाहाबाद में आतंकी संगठनों के स्लीपिंग मॉड्यूल्स की सक्रियता और उन पर सुरक्षा एजेंसियों की कमजोर पकड़ का मामला भी उठ खड़ा हुआ है।

बोरी में भरकर लाया गया था

इलाहाबाद जंक्शन पर रोज की तरह यात्रियों का आना जाना लगा था। इसी बीच स्टेशन के गेट नंबर दो पर पाकड़ के पेड़ के नीचे एक लावारिस बोरी देखी गयी। बोरी के ऊपर अपरिचित भाषा में कुछ लिखा था। यात्रियों को शंका हुई तो उन्होंने जीआरपी व आरपीएफ स्टाफ को इसकी सूचना दे दी। मौके पर पहुंचे सुरक्षाकर्मियों ने बोरी को खोलकर देखा तो दहशत से उनकी आंखें फट पड़ीं। बोरी में अंडर बैरल ग्रेडेड लांचर व विस्फोट सेल भरे थे। कर्मचारियों ने सूचना अफसरों के दी तो वे भी सन्नाटे में आ गए। चंद मिनट के भीतर ही सूचना फैली तो एटीएस, आईबी, आर्मी इंटेलीजेंस की टीम स्पॉट पर पहुंच गई। सामानों को जीआरपी ने अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद जंक्शन की सघन तलाशी शुरू करा दी गई। यह सिलसिला शुरू होने के बाद यात्री सन्नाटे में आ गए।

सेना के लिए हुआ था डिजाइन

जंक्शन पर विस्फोटक मिलने के बाद शाम एसपी रेलवे कविन्द्र प्रताप सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि एक अंडर बैरल ग्रैनेंड लांचर व चार विस्फोटक सेल पुलिस ने बरामद किया है। सेना के लोगाें को जांच के लिए बुलाया गया है। बरामद लांचर से चार सौ मीटर दूर मौजूद निशाने को टारगेट किया जा सकता है। विस्फोटक की कैपेसिटी भी हेवी है। उन्होंने यह भी बताया कि इसे सेना के लिए डिजाइन किया गया था। बाद में इसे पैरा मिलिट्री फोर्स के साथ नक्सल प्रभावित प्रदेशों की पुलिस को भी इस्तेमाल के लिए दिया गया। विस्फोटक की जांच के लिए सेना के अफसरों को सूचना दे दी गई है।

दो हिरासत में, पूछताछ जारी

इस घटना के बाद एक्टिव हुई पुलिस ने संदेश के आधार पर कई लोगों को पूछताछ के लिए उठाया। दो को रात तक रोककर पूछताछ की जा रही थी। आर्मी की इंटेलीजेंस विंग और आईबी के साथ एटीएस के अफसर पूछताछ में जुटे रहे। पूछताछ में मिला क्या? इसकी जानकारी मीडिया को नहीं दी गई।

वीवीआईपी के लिए है गेट नंबर दो

जिस गेट नंबर दो बाद तबाही के सामान को बरामद किया गया उसका इस्तेमाल वीवीआईपी के लिए होता है। बगल में ही वाहन स्टैंड है। सिटी साइड में निकलने का मुख्य मार्ग भी यही है। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि कहीं यहीं इसे इस्तेमाल करने का इरादा तो नहीं था दहशतगर्दो का।

दिल्ली रूट की ट्रेनों पर नजर

इस गेट की तरफ ज्यादातर प्लेटफॉर्म नंबर एक, दो, तीन और चार के पैसेंजर्स आते-जाते हैं। इन प्लेटफॉर्म पर दिल्ली-हावड़ा रूट की ट्रेनें ही लगती हैं। इसके चलते इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों पर नजर रखी जाने लगी है। ट्रेनों के भीतर भी सघन चेकिंग अभियान चलाया गया।

अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर

आर्मीनेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने इसे डिजाइन किया है

लांचर का वजन 1.5 किग्रा है

इसकी लेंथ 450 एमएम

बैरल की लेंथ 350 एमएम

कार्टेज 40x46 एमएम की लगती है

सिंगल शॉट पम्प एक्शन

मारक क्षमता पांच से सात राउंड प्रति मिनट

अधिकतम कवरेज एरिया चार सौ मीटर