196 मैनुअल फाइलिंग का हुआ निस्तारण एक साल में

15.08 करोड़ रुपए व्यापारियों को रिफंड हुए

1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था जीएसटी

814.08 करोड़ का टैक्स विभाग को मिला बीते 11 माह में

702.08 करोड़ का टैक्स मिला था पिछले वित्तीय वर्ष में

16 प्रतिशत टैक्स कलेक्शन का इजाफा हुआ है इस बार

72100.56 करोड़ का टैक्स कलेक्शन है प्रदेश में

Meerut। जीएसटी लागू हुए आज एक साल पूरा हो गया। वित्त वर्ष के तीन माह बाद लागू होने के बाद भी जीएसटी विभाग के लिए फायदे का सौदा साबित हुआ है। जीएसटी लागू होने से जहां विभागों का टैक्स कलेक्शन तेजी से बड़ा है वहीं दूसरी तरफ सालभर बाद भी व्यापारियों की परेशानियां कम होने का नाम नही ले रही हैं। व्यापारी सालभर बाद भी अपने टैक्स और रिफंड फाइलिंग से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहा है, वहीं विभाग मालामाल हो रहा है।

16 प्रतिशत का इजाफा

गौरतलब है कि 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया गया था। जीएसटी लागू होने के बाद करीब 11 माह में वाणिज्य कर विभाग को इस साल 814.08 करोड़ का टैक्स प्राप्त हुआ जोकि पिछले वित्तीय वर्ष में 702.08 करोड़ टैक्स से करीब 16 प्रतिशत अधिक है। वहीं प्रदेश में यह कलेक्शन करीब 72100.56 करोड़ रुपए है जो कि पिछले साल के टैक्स कलेक्शन 59315.52 करोड़ से अधिक है।

15 करोड़ से अधिक रिफंड

विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो 1 जुलाई 2017 से 25 जून 2018 तक विभाग में करीब 196 मैनुअल रिफंड एप्लीकेशन का निस्तारण करते हुए करीब 15.08 करोड़ का रिफंड लाभ व्यापारियों को दिया गया। विभागीय अधिकारियों के अनुसार सालभर में प्राप्त हुए लगभग सौ प्रतिशत मैनुअल रिफंड एप्लीकेशन का निस्तारण किया जा चुका है।

आज से ऑनलाइन रिफंडिंग

जीएसटी लागू होने के बाद विभाग में रिफंड के लिए ऑनलाइन और मैनुअल एप्लीकेशन का विकल्प उपलब्ध था, लेकिन अब व्यापारियों को रिफंड के लिए केवल ऑनलाइन ही रिफंड एप्लीकेशन देनी होगी। ऑनलाइन ही व्यापारी को रिफंड या निस्तारण मैसेज भेजा जाएगा। 1 जुलाई से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।

जीएसटी की शुरुआत में जो दिक्कतें परेशानी आ रही थी वह अब पूरी तरह दूर हो चुकी हैं। बाकि सुधार लगातार जारी है। टैक्स कलेक्शन भी करीब 16 प्रतिशत अधिक हुआ है। यह प्रणाली व्यापारी और निर्माता दोनो के लिए फायदेमंद साबित हुई है।

वी एन सिंहा, एडिशनल कमिशनर

जीएसटी फाइलिंग में जो सबसे अधिक कॉमन परेशानी सामने आती है वह है कि वेबसाइट आईडी को ही गलत बता देती है। कई बार रजिस्ट्रेशन के समय प्रोविजनल आईडी और पासवर्ड वेबसाइट एक्सेप्ट नही करती। बार बार करने के बाद भी यह परेशानी दूर नही होती है।

विनोद अरोड़ा, व्यापारी

वेबसाइट पर लॉग इन करते समय प्रोविजनल आईडी व पासवर्ड एक्सेप्ट नही होता जिस कारण से लॉग इन करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है।

मनोज अग्रवाल, दवा व्यापारी

फाइलिंग के दौरान सर्वर स्लो होने के कारण डॉक्यूमेंट अपलोडिंग प्रक्रिया में परेशानी होती है। एक एक डॉक्यूमेंट के लिए घंटो इंतजार करना पड़ता है। कई बार सिस्टम एरर दिखा देता है।

अमित अग्रवाल

ट्रेडर्स को वन टाइम पासवर्ड अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मिलने में देरी होती है। कई बार घंटों तक ओटीपी जेनरेट ही नही हो पाता।

प्रवीण जैन