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ALLAHABAD: सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट ने 50 हजार रुपये से अधिक का माल मंगाने या शहर से भेजने पर ई-वे बिल जनरेट करना जरूरी कर दिया है। इससे बचने के लिए व्यापारी 50 हजार से कम का बिल काट रहे हैं। वे एक ही गाड़ी में तीन-तीन फर्म के नाम से बिल जनरेट कर रहे हैं। इसकी भनक लगने के बाद अब सेल्स टैक्स विभाग ने 50 हजार से कम मूल्य के सामानों की भी जांच का निर्णय लिया है। इसे लेकर सेल्स टैक्स कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी किया है।

अलग-अलग बिल पर फंसेंगे

इस आदेश से न सिर्फ बड़े व्यापारी, बल्कि छोटे व्यापारी भी परेशान होंगे। क्योंकि अब वे भी ई-वे बिल के दायरे में आ जाएंगे। अब अगर व्यापारियों ने एक नहीं बल्कि अलग-अलग तीन या चार बिल सामान भेजने या मंगाने के लिए जारी किया या कराया तो कार्रवाई की जद में आ जाएंगे।

एसआईबी से कराएं जांच

कमिश्नर सेल्स टैक्स मुकेश मेश्राम ने पत्र जारी कर विभागीय अधिकारियों को कहा है कि अब 50 हजार रुपये से कम बिल वाले माल की भी चेकिंग कर सकते हैं। अगर एक वाहन में 50 हजार रुपये से कम के तीन बिल से सामान परिवहन किया जाता है तो माल से संबंधित वाहन का सत्यापन करने के साथ ही व्यापारियों के बिल की जांच करते हुए एसआईबी से जांच कराई जाए।

इस तरह भी हो रहा खेल

कमिश्नर ने कहा है कि कुछ व्यापारी ई-वे बिल जेनरेट करने के बाद भी प्रोडक्ट बदल दे रहे हैं। ई-वे बिल में सस्ते सामान का जिक्र है, जबकि वास्तव में महंगा सामान परिवहन के लिए भेजा जा रहा है। उन्होंने एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2 को प्रत्येक माह की पांच तारीख को रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है।

लिफाफे में स्टेपल तो टैक्स चोरी

ई-वे बिल को सख्ती से लागू करने के लिए कमिश्नर ने आदेश दिया है कि रोड पर परिवहन के समय किसी भी माल के लिए बिल लिफाफे में स्टेपल मिला तो उसे भी कर चोरी की श्रेणी में रखा जाए। इसलिए कोई भी बिल स्टेपल करके ना चलें। बाद में बिल प्रस्तुत करने या ई-वे बिल जेनरेट करने के बाद प्रस्तुत करने पर भी कोई विचार नहीं किया जाएगा। माल को अभिगृहित कर लिया जाएगा।

ई-वे बिल लागू होने के बाद कई जगह से व्यापारियों द्वारा बिल काटने में गुणा-गणित की शिकायत आ रही है। इस पर अंकुश लगाने के लिए ही जांच का आदेश दिया गया है। व्यापारी ईमानदारी से ई-वे बिल जेनरेट करने लगें तो यह दिक्कत ही न हो।

राम प्रसाद

एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2

सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट जब भी सख्ती करता है तो उसका नुकसान केवल सही तरीके से बिजनेस करने वाले व्यापारियों को होता है। जिन लोगों के लिए सख्ती की जाती है उनका सेटिंग और जुगाड़ से काम जारी रहता है।

संतोष पनामा

संयोजक

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति

कुछ लोगों की गलती की सजा सभी व्यापारियों को दी जाए। ये गलत है। 50 हजार से कम मूल्य के बिल की चेकिंग का अधिकार मिलने के बाद व्यापारियों का शोषण भी हो सकता है।

महेंद्र गोयल

कैट

अगर कोई व्यापारी गुणा-गणित करके टैक्स चोरी कर रहा है, तो इसके लिए वह खुद जिम्मेदार है। लेकिन अगर एक निर्दोष व्यापारी को परेशान किया जाएगा तो फिर उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?

अरुण अग्रवाल

अब अगर 50 हजार रुपये से कम बिल वाले सामान का सत्यापन होगा तो ऐसे में व्यापारियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। सत्यापन में काफी समय लगेगा। जिसका असर व्यापार पर पड़ेगा।

कैलाश बिहारी अग्रवाल

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से अधिक का सामान मंगाने या भेजने पर जरूरी है ई-वे बिल जेनरेट करना

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बिल बनाकर व्यापारी एक ही वाहन में 50000 से अधिक का सामान कर ले रहे परिवहन

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वाहन में एक से अधिक बिल पर सामान परिवहन की स्थिति में अब सेल्स टैक्स विभाग करेगा कार्रवाई

सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट कसेगा शिकंजा, बचने के लिए व्यापारी काट रहे थे 50,000 से कम के बिल