- उत्तराखंड में फिल्म बोर्ड भंग होने के कारण डीजी इन्फॉर्मेशन ने ली बैठक

- बैठक में फिल्मकार, मल्टीप्लैक्स व सिनेमाघरों के रिप्रेजेंटेटिव ने की शिरकत

>DEHRADUN: अब सिनेमाघर और मल्टीप्लैक्स गढ़वाली, कुमाऊंनी व जौनसारी जैसी रीजनल फिल्मों के प्रदर्शन में ना-नुकुर नहीं कर पाएंगे। यह भी निर्णय लिया गया है कि एस-जीएसटी में रीजनल फिल्मों को सूचना विभाग फिल्मकारों को छूट देगा। सरकार के इस फैसले से रीजनल फिल्मकारों व कलाकारों ने खुशी जताते हुए कहा कि यह फैसला पहले ही सरकार की ओर से ले लिया जाना चाहिए था।

'बौडिगी गंगा' गढ़वाली फिल्म के बाद गरमाया मुद्दा

पिछले महीने गढ़वाली फिल्म 'बौडिगी गंगा-एक प्रेम कथा' को दून के मल्टीप्लैक्स में प्रदर्शन करने के लिए डेढ़ वर्ष का वक्त लग गया। फिल्म मेकर अनिरूद्ध गुप्ता ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया के सामने इस बात को प्रमुखता से रखा। बमुश्किल राजपुर रोड स्थित एक मल्टीप्लैक्स ने मंजूरी दी, लेकिन इसके लिए एडवांस में धनराशि तक जमा कराई गई। अनिरूद्ध गुप्ता के अनुसार मल्टीप्लैक्स की शर्त माननी पड़ी, लेकिन फिल्म मेकर ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा बयां की। बताया जा रहा है कि इसके बाद डायरेक्टर जनरल इन्फॉर्मेशन ने बैठक बुलाई। सैटरडे को बुलाई गई बैठक में मल्टीप्लैक्स के मैनेजर, फिल्म इंस्टीट्यूट, सिनेमाहॉल के रिप्रेजेंटेटिव, रीजनल फिल्म मेकर्स, प्रोड्यूसर्स, लोक कलाकारों ने शिरकत की।

इन्फॉर्मेशन डिपार्टमेंट देगा एस-जीएसटी में छूट

दरअसल, उत्तराखंड में फिल्म बोर्ड भंग है। अब तक फिल्म बोर्ड का गठन नहीं हो पाया है। ऐसे में फिल्म मेकर्स के सामने आ रही फिल्मों को देखते हुए डायरेक्टर जनरल इन्फॉर्मेशन की ओर से बुलाई गई बैठक में रीजनल फिल्मों को मल्टीप्लैक्स व सिनेमाघरों की ओर से प्रदर्शित करने की मंजूरी न देने का मुद्दा छाया रहा। जिस पर डीजी इन्फॉर्मेशन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रीजनल फिल्मों को एस-जीएसटी में सूचना विभाग छूट देगा। कहा गया है कि जब तक फिल्म बोर्ड का गठन नहीं हो जाता, तब तक मल्टीप्लैक्स व सिनेमाहाल में रीजनल फिल्मों के प्रदर्शन पर एस-जीएसटी भरने पर फिल्मकारों को छूट दी जाएगी। डिप्टी डायरेक्टर केएस चौहान ने बताया कि फिल्म पॉलिसी में यह व्यवस्था है। लेकिन डीजी की ओर से इसके निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा डीजी इन्फॉर्मेशन ने निर्देश दिए कि उत्तराखंड फिल्म पॉलिसी-2019 की जानकारियां सिनेमाघरों व मल्टीप्लैक्स तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। इन मल्टीप्लैक्स व सिनेमाघरों में रीजनल फिल्मों के प्रदर्शन के लिए भी रिजर्व किया जाना सुनिश्चित किया जाए।