तीन महीने की हुई थी सजा

अगर दान करने की शर्त पर जेल की सजा से मुक्ति मिल जाए तो यह वाकई अजीब होगा। खबरों की मानें मो गुजरात में हाईकोर्ट ने एक व्यवसायी को मंदिरों में दान करने की शर्त पर जेल की सजा से छूट दे दी है। मामला वलसाड के बिजनेसमैन मनुभाई अंबालिया से जुडा है। मनुभाई को कोर्ट ने झूठे सबूत पेश करने पर तीन माह की जेल और 500 रूपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। लेकिन मनुभाई ने दान का सहारा लेकर सजा से छुटकारा पा लिया है।

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अदालत को दिए थे झूठे सबूत

यह पूरा मामला एक महिला की मौत से जुड़ा था। दरअसल इस महिला की रहस्यमय परिस्िथतियों में मौत हो गई थी जिसके बाद मनुभाई ने उस महिला के परिवार व सास ससुर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया था। इस मामले की सुनवाई 1993 में वलसाड सेशन कोर्ट में शुरू हुई। आठ साल तक चले इस केस के बाद साल 2001 में कोर्ट इस नतीजे पर पहुंची कि मनुभाई ने उस परिवार के खिलाफ झूठे सबूत पेश किये थे। बाद में मनुभाई ने भी इस बात को कबूल किया। इस पर सेशन कोर्ट ने मनुभाई को सजा सुना दी।

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50 हजार रुपये किया दान

सेशन कोर्ट से मिली सजा को मनुभाई ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। गुजरात हाईकोर्ट का फैसला सात दिसंबर को आया। जिसमें कोर्ट ने मनुभाई को सजा के तौर पर मंदिर में दान देने को कहा। कोर्ट का यह फैसला काफी दिलचस्प था। कोर्ट ने मनुभाई को मंदिर में 50 हजार रूपए दान देने की शर्त पर जेल से सजा में छूट दे दी। मनुभाई ने कोर्ट के इस प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार कर लिया और श्री चामुंडा माताजी डूंगर ट्रस्ट को 50 हजार रुपये दान दिए और उसकी रसीद कोर्ट को सौंप दी।

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