-जाली शस्त्र लाइसेंस मामले में चल रहे छानबीन और धरपकड़ के बीच बाकी दुकानदारों के बीच दहशत का माहौल

- दहशत में दुकानदारों के पास नहीं पहुंच रहे कारतूस और असलहों के ग्राहक

GORAKHPUR: जाली शस्त्र लाइसेंस और अवैध असलहें के खुलासे के बाद शहर में दशहत का माहौल है। जिनके पास असलहा है वो तो परेशान हैं ही दुकानदारों के बीच भी दहशत है। अममून 20 कारतूस हर दिन बिकने वाले शहर में पिछले 15 दिनों में मात्र सात कारतूस ही बिके हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियल्टी चेक में पता चला कि शहर की आ‌र्म्स दुकानें 14 अगस्त के बाद से ही बंद है। वहीं, कुछ दुकानदारों ने शस्त्र दुकान का बिजनेस ही बंद करने का आवेदन डीएम के यहां दे दिया है।

शुक्रवार दोपहर 12 बजे टाउन हाल स्थित रवि आ‌र्म्स गन हाउस के बगल व सामने की दुकानें बंद मिली। वहीं, भलोटिया मार्केट के पास खुली आ‌र्म्स के दुकानदारों ने कई समस्याएं बताई।

नहीं आ रहे खरीदार

दुकानदार मो। तारिख ने बताया कि उनकी दुकान बहुत पुरानी है। उनके पास ग्राहक नहीं आ रहे हैं। जो आते भी हैं उन्हें लाइसेंस के वेरिफिकेशन के लिए शस्त्र विभाग के कंप्यूटर सेक्शन में भेजा जाता है। यूनिक आईडी वेरिफिकेशन के बाद ही कारतूस दिया जाता है। उन्होंने बताया कि जुलाई, अगस्त, सितंबर में धंधा पूरी तरह से मंदा रहता है। लेकिन जब से फर्जीवाड़ा सामने आया है तब से जांच परखकर ही कारतूस देने का निर्देश कर्मचारियों को दिया गया है।

एक दूसरे आ‌र्म्स गन हाउस के दुकानदार ने नाम न पब्लिश करने की शर्त पर बताया कि फर्जीवाड़ा मामले के बाद से दुकानों के बीच काफी दहशत है। आलम यह है कि जो दुकानें समय से खुलती थी उनके खुलने का टाइम बदल गया है। न जाने कब प्रशासन और पुलिस की टीम अभिलेख की जांच के लिए दुकान पर चली आए और पूछताछ करने लगे।

इन कारतूसों की होती है बिक्री

32 बोर - रिवाल्वर-पिस्टल

12 बोर - बंदूक

315 बोर - राइफ

फैक्ट

जिलेभर में आ‌र्म्स गन हाउस की दुकान - 21

कुल शस्त्र लाइसेंस - 22 हजार

सामान्य दिनों में आ‌र्म्स गन हाउस से प्रतिदिन बिक्री कारतूस - 20-25

14 अगस्त के बाद आ‌र्म्स गन हाउस से बिके कारतूस - 7

वर्जन

अभिलेखों की जांच पड़ताल जारी है। प्रशासन व पुलिस के संयुक्त टीम मामले की जांच कर रही है। जो चिह्नित किए जा रहे हैं, उन्हें पकड़ा भी जा रहा है।

आरके श्रीवास्तव, एडीएम सिटी