- मडि़यांव पुलिस ने आरोपी रिश्तेदार को गिरफ्तार कर भेजा जेल
- फॉरेंसिक व साइंटिफिक एवीडेंस पुलिस ने जमा करना शुरू किया
- सआदतगंज बच्ची रेप केस में बनाया था पुलिस ने रिकॉर्ड
LUCKNOW : साढ़े चार माह की गुनगुन की मौत का जिम्मेदार रिश्तेदार सलाखों के पीछे पहुंच गया है। पुलिस ने मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश किया। भले ही हत्यारा सलाखों के पीछे पहुंच गया है, लेकिन जब तक उसे कड़ी सजा नहीं हो जाती है गुनगुन को इंसाफ नहीं मिलेगा। पुलिस को सआदतगंज बच्ची रेप व हत्याकांड की तर्ज पर गुनगुन को न्याय दिलाने के लिए आगे आना होगा। वहीं गुनगुन को इंसाफ दिलाने के लिए हजारों हाथ भी उठने लगे हैं। इसी के साथ पुलिस ने भी कमर कस ली है।
पीएम में साइंटिफिक एवीडेंस सुरक्षित
गुनगुन की मौत के बाद डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। मासूम को न्याय दिलाने के लिए डॉक्टर्स ने हर पहलू की बारीकी से जांच की। पैनल ने पोस्टमार्टम के दौरान ब्लड सैंपल से लेकर डीएनए के सैंपल को सुरक्षित कर लिया है। पुलिस इसी साइंटिफिक एवीडेंस के आधार पर आरोपी पप्पू के खिलाफ चार्जशीट फाइल करेगी। पुलिस के मुताबिक आरोपी को कड़ी सजा दिलाने में साइंटिफिक एवीडेंस ही सबसे मजबूत कड़ी है। डीसीपी नार्थ सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि घटना से जुड़े हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है ताकि कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते समय कोई भी पहलू छूट न जाए। इसके लिए विवेचक के साथ अन्य अफसरों संग लगातार मीटिंग की जा रही है।
जल्द से जल्द न्याय दिलाने की पहल
डीसीपी नार्थ सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि गुनगुन को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। घटना के बाद फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल पर जांच की थी। इस दौरान टीम ने कई सैंपल लिये थे, जिन्हे जांच के लिए एफएसएल को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि बुधवार तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
सआदतगंज रेप मर्डर केस से लेनी होगी सीख
17 सितंबर 2019 में सआदतंगज में 6 साल की बच्ची से उसके पड़ोसी ने रेप के बाद निर्मम हत्या कर दी थी। मामले में पुलिस ने उसे 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया और इंवेस्टिगेशन की जटिल प्रक्रिया को महज 6 दिन में पूरा कर आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक माह में आरोपी को मौत की सजा सुनाई गई थी।
इस तरह से पुलिस ने की थी कार्रवाई
- घटना के पहले दिन से एडीसीपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने विवेचना की कार्य योजना तैयार की थी
- केस में कम गवाह रखे गए ताकि कोर्ट में उनकी समय से गवाही हो सके
- साइंटिफिक व फॉरेंसिक एवीडेंस को कलेक्ट कर उन्हें तत्काल जांच के लिए भेजा गया
- जांच रिपोर्ट व डीएनए रिपोर्ट के लिए पुलिस अफसर लगातार संपर्क करते रहे
- एफएसएल की प्रारंभिक जांच के आधार पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई
- कोर्ट में सुनवाई के लिए स्पेशल पीओ नियुक्त किया गया
कोट-
इस केस में जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है। पोस्टमार्टम के बाद से ही साइंटिफिक और फॉरेंसिक एवीडेंस पर काम शुरू कर दिया गया। भले ही चार्जशीट दाखिल करने में 6 दिन से ज्यादा का समय लग जाए, लेकिन जांच हर तरफ से पुख्ता और न्यायसंगत होगी।
सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, डीसीपी नार्थ