धूमधाम से मना गुरु गोबिन्द सिंह का प्रकाशोत्सव

गुरुद्वारे में हुआ शबद, कीर्तन और लंगर का आयोजन

गुरु गोबिन्द सिंह के जीवन पर डाला गया प्रकाश

ALLAHABAD: सिखों के दसवें गुरु एवं महान योद्धा गुरु गोबिन्द सिंह का प्रकाशोत्सव शनिवार को श्रद्धा एवं विश्वास के साथ मनाया गया। खुल्दाबाद स्थित गुरुद्वारा में हजारों लोगों ने गुरुबाणी का पाठ करने के साथ ही गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेका और प्रसाद ग्रहण किया। गुरु गोबिन्द सिंह के दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया गया।

निकाली प्रभाफतेरी, सजाए गए घर

प्रकाशोत्सव की शुरुआत प्रभातफेरी से हुई, इसमें सिख समुदाय के सैकड़ों लोग शामिल हुए। खुल्दाबाद स्थित श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा से निकाली गई प्रभातफेरी गुरुद्वारा पहुंचने के बाद चल रहे अखंड कीर्तन का समापन हुआ। दिन में तीन बजे तक अरदास चला। इसके बाद लंगर का आयोजन किया गया। इसमें हजारों लोगों ने प्रसाद छका। प्रकाशोत्सव पर लोगों ने अपने घरों को दीपमालाओं से सजाया।

प्रयाग में हुआ था गुरु का प्रकाश

अरदास व शबद कीर्तन के दौरान गुरु गोबिन्द सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला गया। सतनाम सिंह, गुरप्रीत सिंह, कुलदीप सिंह, हरजीत सिंह सागर संत ज्ञानी रागी जत्था ने बताया कि गुरु गोबिन्द सिंह जी के अवतार का इतिहास प्रयाग की धरती से जुड़ा हुआ है। मां के गर्भ में गुरु गोबिन्द सिंह का प्रकाश प्रयाग में ही हुआ था। इस सत्य का जिक्र गुरु जी ने अपनी बाणी में कुछ यूं किया है 'जब ही जाति त्रिवेणी भयो, पुण्य दान दिन करत बितए, तहि प्रकाश हमरा भयो, पटना शहर विखै भव लयो'। गुरु गोबिन्द सिंह ने आजीवन धर्म की लड़ाई लड़ी। इसी में उनके चारों पुत्र व माता गुजरी भी शहीद हुई। इसका जिक्र गुरुवाणी में कुछ यूं किया गया है, इन पुत्रन के सीस पर वार दिए सुत चार, चार मुए तो क्या भया, जीवत कई हजार गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार जोगिन्दर सिंह ने सभी लोगों को प्रकाश उत्सव की बधाई दी।