- यूपी बोर्ड एग्जाम की गोपनीयता में प्रिंसिपल ने लगाई सेंध

- विशेष सचिव के नोटिस के बाद प्रधानाचार्यो ने दी सफाई

बरेली : यूपी बोर्ड एग्जाम-2020 की वेबकॉस्टिंग होने से नकलचियों पर लगाम लगी है। लेकिन प्रिंसिपल और स्कूल मैनेजरों को चुपके से अपने मोबाइल पर एग्जाम का लाइव प्रसारण देखना भारी पड़ गया। स्टेट कंट्रोल रूम में परीक्षा केंद्रों की मॉनिटरिंग में बाधा उत्पन्न होने पर शासन ने कड़ी फटकार लगाई है।

टेक्निकल टीम ने पकड़ा खेल

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के एग्जाम की शुरूआत 18 फरवरी से हुई। नकलविहीन एग्जाम के लिए 132 परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे, वायस रिकॉर्डर, राउटर और हाईस्पीड ब्रॉडबैंड लगाया गया है। डीआइओएस कार्यालय में बने कंट्रोल रूम से निगरानी की जा रही है। जो सीधे लखनऊ स्थित स्टेट मुख्यालय के कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है। थर्सडे को स्टेट मुख्यालय में परीक्षा केंद्रों की मानिटरिंग में व्यवधान उत्पन्न हुआ। तकनीकी टीम की जांच में पता चला कि परीक्षा केंद्र बनाए गए स्कूलों के मैनेजर और प्रिंसिपल अपने मोबाइल पर एग्जाम का लाइव प्रसारण देख रहे थे। इसके चलते स्टेट मुख्यालय में बार-बार सर्वर डाउन होने से लाइव प्रसारण नहीं हो रहा था। विशेष सचिव राजेश कुमार ने डीआइओएस को तत्काल मोबाइल पर लाइव प्रसारण बंद कराने के आदेश जारी किए।

स्कूलों ने दी सफाई

विशेष सचिव का आदेश मिलते ही एग्जाम सेंटर्स इंचार्ज ने सफाई दी। डीआइओएस को पत्र लिखकर कहा है कि मोबाइल के माध्यम से परीक्षा का लाइव नहीं देखा जा रहा। परीक्षा की मॉनिटरिंग के लिए मोबाइल का इस्तेमाल भी नहीं किया जा रहा।

एग्जाम सेंटर की मानिटरिंग केवल डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम में स्थित कंप्यूटर और लैपटॉप के माध्यम से ही कराई जा रही है। मोबाइल पर लाइव प्रसारण देखने वाले स्कूलों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। अमरकांत सिंह, डीआइओएस

बेहोश हुआ छात्र

सेंकेड मीटिंग में इंटरमीडिएट की बहीखाता एवं लेखाशास्त्र की परीक्षा थी। विष्णु इंटर कॉलेज में परीक्षा दे रहा छात्र शिवम करीब साढ़े तीन बजे बेहोश हो गया। प्रिंसिपल शरद कांत शर्मा ने बताया कि छात्र की तबियत अचानक खराब हो गई थी। 108 पर कॉल करके एंबुलेंस बुलाकर उसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल भेज दिया गया।