- राज्य सरकार ने एक साल के लिए लगायी थी रोक

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को गुटखा, पान मसाला व अन्य प्रकार के तम्बाकू उत्पादों के उत्पादन एवं सेवन पर रोक लगाने वाली अधिसूचना को रद कर दिया। इन उत्पादों में सुगंधित सुपारी व अन्य प्रकार के पान मसाले शामिल हैं। राज्य सरकार ने म् नवंबर से एक साल के लिए इन उत्पादों पर रोक लगाई थी। फूड एवं सेफ्टी कमिश्नर ने इस अवधि के लिए इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी। ज्ञात हो कि इस मामले पर कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी एवं न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की दो सदस्यीय खंडपीठ ने पहले ही सुनवाई कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

कानून लाने का अधिकार राज्य को नहीं

याचिका प्रभात जर्दा फैक्टरी प्रा। लि। व अन्य तम्बाकू उत्पादक कंपनी ने दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि कमिश्नर को रोक लगाने का अधिकार नहीं है। खंडपीठ ने भी अपने फैसले में कहा कि तम्बाकू से जुड़े मामले पर केन्द्र सरकार ही कानून ला सकती है। यह राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार से बाहर है। जबकि राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि खाने-पीने जैसी वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए राज्य सरकार सक्षम है।

सुप्रीम कोर्ट में जाए सरकार

सीड्स संस्था के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर दीपक मिश्रा ने इस फैसले को दु:खद बताया है। कहा कि पूरी दुनिया तंबाकू के खिलाफ अभियान छेड़ रही है। बिहार में इसकी खपत बहुत है। ऐसे में अब पान मसाला की खपत धड़ल्ले से बढ़ेगी। इस मामले के मददे्नजर मैं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन से मिला हूं। राज्य सरकार को इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाना चाहिए। वहां एसएलपी लगाकर याचिका लगाना चाहिए। साल भर पहले भी राज्य सरकार ने एसएलपी दायर की थी। जिसमें पटना हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से रद्द किया गया था। जानकारी हो कि पान-मसाला पर बैन लगाने वाला बिहार महाराष्ट्र के बाद दूसरा राज्य था।