नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण पर यथास्थिति का अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत, हालांकि, ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ एक मुस्लिम पक्ष की याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गई। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने बताया कि वाराणसी स्थल पर किए जा रहे सर्वेक्षण के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है।

सीजेआई ने तुरंत स्टे लगाने से किया इनकार
सर्वे रुकवाने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे याचिका कर्ता की याचिका का जवाब देते हुए CJI ने कहा, "मुझे देखने दो।" याचिका कर्ता अहमदी ने कहा, “हमने एक सर्वे के संबंध में दायर किया है जिसे वाराणसी संपत्ति के संबंध में आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। यह (ज्ञानवापी) अनादि काल से एक मस्जिद रही है और यह पूजा स्थल अधिनियम द्वारा स्पष्ट रूप से बाधित है।” हालांकि याचिका कर्ता ने तुरंत स्टे लगाने की मांग की मगर सीजेआई ने कहा, "मुझे कुछ भी नहीं पता। मैं ऐसा आदेश कैसे पारित कर सकता हूं? मैं पढुंगा। मुझे देखने दो।”

17 मई तक पूरा होना है सर्वे
वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को यहां ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण करने के लिए नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त को बदलने की याचिका खारिज कर दी और 17 मई तक कार्य पूरा करने का आदेश दिया। जिला अदालत ने दो और वकीलों को भी नियुक्त किया, जो कि काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित मस्जिद में सर्वेक्षण करने में अधिवक्ता आयुक्त की मदद करेंगे। इसने पुलिस को आदेश दिया कि यदि सर्वे को रोकने का प्रयास किया जाता है तो एफआईआर दर्ज करें।

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