मालवेयर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल
कंप्यूटर, स्मार्टफोन और टैबलेट को प्रोटेक्ट करने के लिए हमेशा अच्छे एंटी वायरस या एंटी मालवेयर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही अपने सॉफ्टवेयर अपडेट्स को रोजाना चेक करते रहिए। ऑफिस या पब्लिक कंप्यूटर से कभी भी अपने बैंक या दूसरे पर्सनल अकाउंट को हैंडल मत करिए।
फेक ऐप डाउनलोड करने से बचें
गूगल प्लेस्टोर या एप्पल स्टोर में मौजूद हर मोबाइल एप्लीकेशन पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। यहां मौजूद फेक ऐप के मालवेयर डिवाइस को तेजी से अपडेट कर ई-मेल एड्रेस समेत दूसरी जानकारी हैकर्स तक पहुंचा देते हैं। ऐसे में डिवाइस में उन्हीं ऐप को डाउनलोड करें जिसके डाउनलोडर 50,000 से अधिक हों।
फिशिंग को बिल्कुल भी न खोलें
फिशिंग फेक ई-मेल होते हैं, जो ज्यादातर बैंक आदि के नाम पर आते हैं। ये हैकर्स द्वारा बनाए होते हैं। ये देखने में एकदम सामान्य ईमेल जैसे होते हैं लेकिन हां इनमें माइनर सी स्पेलिंग चेंज होती है। इनमें एक बार क्िलक करने पर कई सारे लिंक खुल जाते हैं। इनके जरिए भी डिवाइस में मौजूद डिटेल चोरी हो जाती है।
हरजगह वाईफाई से कनेक्ट ने हों
अक्सर लोग जहां और जिसके साथ मौका मिलता है कंप्यूटर या फिर दूसरी डिवाइसेस को वाईफाई से कनेक्ट कर लेते हैं। ऐसा करने से बचना चाहिए। इससे हैकर्स आसानी से सिस्टम की हर फाइल तक पहुंच कर एक्टिविटी ऑनलाइन मॉनिटर करते हैं। इसके बाद सीक्रेट पासवर्ड समेत हर जानकारी चुराने में सफल हो जाते हैं।
कॉल या मैसेज पर न दें डिटेल
हैकर्स स्मिशिंग को भी काफी ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इसमें सोशल इंजीनियरिंग के एलिमेंट्स के जरिए हैकर्स पासवर्ड से लेकर बैंक अकाउंट डिटेल्स और ओटीपी को चुरा सकते हैं। ऐसे में अननेससरी फोन कॉल या SMS पर अपनी कोई प्राइवेट इंफॉर्मेशन ने दें। जिससे हैकर्स आपकी डिटेल चोरी नहीं कर पाएंगे।
मोबाइल से कॉन्टेक्ट हो गए गायब तो जानें वापस पाने के तरीकेTechnology News inextlive from Technology News Desk