मुंबई (पीटीआई)। कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (सीएटीएमआई) ने बुधवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि नियमों का ठीक तरह से पालन नहीं किये जाने के चलते देश में उपलब्ध 2.38 लाख एटीएम मशीनों की संख्या मार्च, 2019 तक घटकर आधी हो सकती है। सीएटीएमआई ने अपने बयान में यह भी कहा कि एटीएम के बंद होने से हजारों नौकरियों और सरकार के वित्तीय समावेश प्रयासों पर भी भारी असर पड़ेगा। संस्थान ने कहा, 'मार्च 2019 तक देश भर में सेवा प्रदाताओं को लगभग 1.13 लाख एटीएम बंद करना पड़ सकता है, जो एटीएम बंद होंगे उनमें लगभग एक लाख ऑफ-साइट एटीएम और 15,000 से अधिक सफेद लेबल वाले एटीएम शामिल हैं।

अधिकतर गांव के एटीएम होंगे बंद

सीएटीएमआई ने बताया गांव के इलाकों में अधिकतर एटीएम बंद हो सकते हैं। संस्थान ने कहा, 'एटीएम के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर हाल ही में अपग्रेड हुए हैं, साथ ही कुछ नियमों में भी बदलाव किया गया है, जिसके चलते कुछ एटीएम को चलाना मुश्किल हो जायेगा। यही कारण है कि आधे से ज्यादा एटीएम को बंद कर दिया जायेगा।' उन्होंने बताया कि  एटीएम के कैश मैनेजमेंट स्टैंडर्ड और कैश लोडिंग को लेकर भी नियम जारी हुए हैं। एटीएम में नई कैश लॉजिस्टिक और कैसेट स्वैम मेथड को विकसित करने के लिए कंपनियों को करीब 3000 करोड़ रुपये खर्च करना होगा। सीएटीएमआई का कहना है कि ब्राउन लेबल और व्हाइट लेबल जैसे एटीएम प्रदाता को पहले ही नोटबंदी के चलते बहुत घाटा हो गया है, ऐसे में और नुक्सान उठाना संभव नहीं है। एटीएम उद्योग ने कहा कि इस समस्या से बाहर निकलने का एक ही रास्ता है और वो ये कि बैंकों को यह अतिरिक्त खर्च खुद उठाना होगा या फिर एटीएम डिप्लायर्स को कुछ एक्स्ट्रा छूट देनी होगी।

बैंक खुलते ही सर्वर डाउन से बढ़ी परेशान

एटीएम के कहीं गिरे शटर, कहीं लगी लंबी लाइन

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