-आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित हुआ कैंडल सपोर्ट

LUCKNOW: विकलांग जन भी समाज के हिस्सा हैं। इन्हें जरूरत है आपके सपोर्ट और सहयोग की। समाज में उन्हें भी प्राथमिकता मिले और समान अवसर से उनकी जिंदगी भी सुधारी जा सकती है। आईनेक्स्ट की ओर से विकलांग जनों के लिए हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर कैंडल लाइट सपोर्ट कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लखनवाइट्स, विकलांग जनों व स्वयं सेवी संगठनों के लोगों ने भाग लिया।

आईनेक्स्ट की ओर से विकलांग जनों के सपोर्ट में चलाई जा रही कैम्पेन मेक अ डिफरेंस के तहत गुरूवार को हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर कैंडल लाइट सपोर्ट का आयोजन किया गया। जिसमें हेल्प यू ट्रस्ट, फेवर फाउंडेशन, लखनऊ बार एसोसिएशन, बीजेपी युवा मोर्चा के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में विकलांग जन भी मौजूद रहे। सबने मिलकर विकलांग जनों को मिलने वाले अधिकारों, सुविधाओं पर चर्चा की। विकलांग जनों के अधिकारों और सपोर्ट के लिए समाज को ध्यान दिए जाने की जरूरत है। लखनऊ बार एसोसिएशन के महामंत्री सुरेश पांडेय, कामिनी ओझा, सिद्दार्थ आनंद, हेल्प यू ट्रस्ट के फाउंडर ट्रस्टी रूपल अग्रवाल, हर्षवर्धन अग्रवाल, मिथलेश लखनवी, राहुल, सत्यवान शुक्ला, फेवर फाउंडेशन के सदस्यों सहित बीजेपी युवा मोर्चा के महामंत्री अभिजात मिश्रा, संजय मिश्रा, मोनू चौरसिया, सहित अन्य लोग मौजूद थे।

ये भी हैं ह्यूमन

मेंटली रिटार्डेड और शारीरिक रूप से विकलांग बच्चे भी ह्यूमन बीइंग हैं। सामान्य बच्चों की तरह इन्हें भी समझे और उनका साथ दें।

कामिनी ओझा

अक्सर होता है कि विकलांगों को उनकी सुविधाएं मांगने पर भी नहीं मिलती और हम खड़े देखते रहते हैं। यह गलत है हमें उनका सपोर्ट करना चाहिए। लोगों को इसके लिए आगे आना चहिए।

सुरेश पांडेय

लोग अक्सर अपने घर में विकलांग बच्चों को मेहमान के आने पर इग्नोर करते हैं। यह सुनकर ही खराब लगता है कि कोई अपने ही बच्चों के साथ भेदभाव कैसे कर सकता है। विकलांग जनों के लिए लोगों को अपना माइंड सेट बदलना होगा।

अनुज यादव

हम विकलांगों को कृत्रिम अंग, जॉब, या अन्य प्रकार से सहायता करके उनके चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं। सबको इसके लिए आगे आना चाहिए।

हर्षवर्धन अग्रवाल

विकलांग जन बहुत मजबूत होते हैं बस उन्हें थोड़ा मेंटल सपोर्ट की जरूरत होती है। उन्हें अगर थोड़ी मदद की जाए तो वे बहुत अच्छा कर सकते हैं।

अभिजात मिश्रा

विकलांगता जीवन में कठिन समस्यायें पैदा करती हैं फिर भी शारीरिक रूप से असक्षम बहुत से बच्चों ने सामान्य बच्चों से अधिक सफलताएं अर्जित की हैं। बस उन्हें हमारा सहयोग मिले तो ये बच्चे बहुत कुछ कर सकते हैं।

संजय मिश्रा

बहुत से लोग खुद तो विकलांग हैं लेकिन दूसरों की लगातार मदद कर रहे हैं। हम उनकी हेल्प करके बड़े स्तर पर सहयोग कर सकते हैं। सबको इनके लिए आगे आना होगा।

डॉ। विनोद