नई दिल्ली (आईएएनएस) अभी नोवल कोरोना वायरस के कहर से दुनियाभर के लोग और अर्थव्यवस्था जोखिम में थी ही कि चीन में एक और वायरस ने दस्तक दे दी है। ग्लोबल टाइम्स ने मंगलवार को ट्वीट करके युन्नान प्रोविंस में एक व्यक्ति के मरने की जानकारी दी है। वह साेमवार को अपने काम के बाद चार्टर्ड बस से शांडोंग प्रोविंस लौट रहा था। जांच में वह हंता वायरस पाॅजिटिव पाया गया है। बस में मौजूद अन्य 32 लोगों की भी जांच की गई है।

खतरनाक वायरस, कई बार इससे हो जाती है मौत

ट्वीट सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वारयल हो गई है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या कोरोना वायरस को अब बैकअप की जरूरत है? कुछ कह रहे हैं कि ईमानदारी से उन्हें उन्हें दूसरे ग्रह पर लौट जाना चाहिए। हंता वायरस पलमनरी सिंड्रोम (एचपीएस) काफी खतरनाक है, कई बार इससे मौत भी हो जाती है।

इंसानों में संक्रमण से सांस की बीमारी, जानें लक्षण

इस वायरस के संक्रमण यानी एचपीएस से इंसान में सांस संबंधी बीमारियां होती हैं। शुरुआती लक्षणों में थकान, बुखार, मांस-पेशियों में दर्द खासकर जांघ, कमर, पीठ और कभी-कभी कंधों में दर्द होता है। संक्रमित व्यक्ति को सिर दर्द, चक्कर, जाड़ा लगना और पेट संबंधी समस्याएं होती हैं।

कुतरने वाले जानवरों से इंसानों में होता है संक्रमण

सेंटर फाॅर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, हंता वायरस वायरस परिवार का है। यह गिलहरी या चूहे जैसे कुतरने वाले जानवरों से होते हुए दुनियाभर के इंसानों में संक्रमण फैल सकता है। हंता वायरस के संक्रमण से इंसानों में हंता वायरस बीमारी होती है। हंता वायरस को अमेरिका में 'न्यू वर्ल्ड' के नाम से जानते हैं। इससे हंता वायरस पलमनरी सिंड्रोम (एचपीएस) हो सकता है।

पेशाब, मल, लार और काटने से फैलता है संक्रमण

दूसरे तरह के हंता वायरस को 'ओल्ड वर्ल्ड' के नाम से जानते हैं। ये अधिकतर यूरोप और एशिया में पाया जाता है। इसके संक्रमण से रक्तस्रावी बुखार के साथ गुर्दे की बीमारी (एचएफआरएस) हो सकता है। प्रत्येक हंता वायरस सीरम के रूप में कुतरने वाली प्रजातियों में वास करता है। यह एयरोसोलाइज्ड वायरस के जरिए इंसानों में फैलता है, जो पेशाब, मल, लार और संक्रमित के काटने से फैलता है।

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है लेकिन रेयर

चिली और अर्जेंटीना में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण का दुर्लभ मामला आ चुका है। दरअसल स्वास्थ व्यक्ति हंता वायरस से संक्रमित बीमार व्यक्ति के नजदीकी संपर्क में आ गया था। सीडीसी के मुताबिक, बीमार करने वाले इस हंता वायरस का नाम एंडेस वायरस था। हालांकि 1970 के दशक की यह घटना खबराें की सुर्खियां नहीं बटोर सकी। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण तो संभव है लेकिन यह बहुत रेयर होता है।

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