कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। हनुमान जयंती का पर्व चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है।इस बार दिनांक 16 अप्रैल 2022, शनिवार को पूर्णिमा पूरे दिन रहेगी। सूर्योदय से प्रातः काल 8:40 बज़े तक हस्त नक्षत्र रहेगा तदोपरान्त चित्रा नक्षत्र रहेगा, इसी चित्रा नक्षत्र में हनुमान जी का जन्म हुआ था। आज से ही वैशाख स्नान आरम्भ होगा, आज मंगल शतभिक्षा नक्षत्र में प्रातः10:58 बजे प्रवेश करेगा। हनुमान जयंती पर भक्त हनुमान जी का पूजन कर उन्हें लाल सिंदूर और फूल चढ़ाते हैं। इस दिन जगह-जगह भक्त प्रसाद वितरण और भंडारा आदि कराकर जरूरतमंदों को भोजन कराते हैं। हनुमान जी भगवान शिव जी के 11 वें अवतार माने जाते हैं। हनुमान जी को मारुति नंदन, रुद्र, संकट मोचन, बजरंगबली, अंजनि पुत्र, अजंनस्य, महाबली जैसे नामों से भी पुकारा जाता है

शनि या साढ़ेसाती की वजह से होने वाली सभी परेशानियां दूर होती

मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से शनि का दोष दूर होता है। जीवन में साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से होने वाली सभी परेशानियां दूर होती हैं। शात्रों के मुताबिक एक बार हनुमान जी ने शनि महाराज को कष्टों से मुक्त कराकर उनकी रक्षा की थी। इसलिए शनि देवता ने उन्हें यह वचन दिया था कि हनुमान जी की उपासना करने वालों को वह कभी कष्ट नहीं देंगे। उनके सारे कष्टों को हर लेंगे। इसलिए शनि दोष से परेशान व्यक्ति हनुमान जयंती पर हनुमान जी का पूजन कर दांपत्य जीवन में कलह, व्यापार में नुकसान, नाैकरी आदि से जुड़ी परेशानियों जैसी अन्य प्रकार की दिक्कतों से मुक्ति पा सकते हैं।

सुबह तांबे के लोटे में जल और सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को चढ़ाएं

हनुमान जयंती के दिन श्री हनुमते नमः मंत्र का जप करें। सुबह तांबे के लोटे में जल और सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को अर्पित करें। हनुमान जी को चोला चढ़ाएं। बंदरों को फल, चना और गुड़ खिलाएं। हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर श्री हनुमान को चढ़ाएं। हनुमान जी को केले का प्रसाद चढ़ाएं। गरीब लोगों की मदद करें उन्हें दान दें और भोजन कराएं। रोगियों की सेवा करें।

Hanuman Jayanti 2021: कब है हनुमान जयंती, जानें इस दिन का इतिहास और महत्व