कानपुर। जॉनी लीवर हिन्दी फिल्म के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता है। आप शायद ही जानते हों कि इस मुकाम त् पहुंचने के लिए बॉलीवुड के महानतम कॉमेडियन में से एक, जॉनी को कड़ा संघर्ष करना पड़ा। फेमिली की कमजोर फाइनेशल कंडीशन के कारण उन्हें स्कूल में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी। इसके बाद परिवार को सपोर्ट करने के लिए, उन्होंने मुंबई की सड़कों पर पेन बेचना शुरू कर दिया। ये काम ही उनकी आगे की जिंदगी का रास्ता बना, क्योंकि वे एक अनोखे अंदाज में, बॉलीवुड सितारों की नकल करते हुए पेन सेल करते थे। ऐसे ही एक मौके पर एक्टर और फिल्ममेकर सुनील दत्त की उन पर नजर पड़ी और जॉनी को पहली फिल्म दर्द का रिश्ता मिली। यहां से उनकी प्रतिभा को पहचान मिली और उन्होंने बड़े पर्दे पर दर्शकों का मनोरंजन करना शुरू कर दिया।
कॉमेडी को लेकर कम है मेच्योरिटी
जॉनी लीवर ने अपने जीवन के बारे में कुछ अनजाने तथ्य सितारों की बात सितारों के साथ नाम के कार्यक्रम में मिडडे के साथ साझा किए। उन्होंने कहा कि कॉमेडी का ये टैलेंट उन्हें ईश्वर की देन है। हांलाकि मजाक में वे इसे एक मैन्युफक्चरिंग डिफेक्ट भी कहते हैं जो दो ढाई साल की उम्र से उनके अंदर आ गया और वे मिम्क्री करने लगे। जॉनी ने बताया कि वे स्लम में रहे जहां देश भर के राज्यों से आये लोग रहते थे, जिसके चलते उन्हें देश की हर भाषा का ज्ञान मिला। जॉनी का मानना है कि लोग कॉमेडी को लेकर अभी उतने मैच्योर नहीं हैं और मजाक को गंभीरता से लेकर उसे अपमान समझने लगते हैं। इसीलिए वे बहुत सोच समझ कर ही बोलते हैं। जबकि वे कहते हैं कि विदेश में हास्य कलाकार को बहुत सम्मान मिलता है। हांलाकि वे ये भी कहते हैं कि अब धीरे धीरे लोग कॉमेडी और मजाक उड़ाने के फर्क को समझने लगे हैं और कॉमेडियन के लिए स्कोप बढ़ रहा है।
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