कानपुर। आज अपने दौर की शानदार और हिट एक्ट्रेस मीना कुमारी की 86वीं बर्थ एनिवर्सिरी है।मिडडे की रिपोर्ट के मुताबिक बॉलीवुड की ट्रैजेडी क्वीन कहीं जाने वाली इस एक्ट्रेस के 85वें बर्थडे पर बीते साल गूगल ने डूडल बना कर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया था। मीना को ये टाइटिल इसलिए मिला क्योंकि उनकी हिट फिल्मों में सबसे ज्यादा वो फिल्में थीं जिनमें उन्होंने सैड और ट्रेजिक करेक्टर प्ले किए थे। आइये जाने उनकी टॉप फाइव ट्रैजेडी फिल्मों के बारे में।  

 

शारदा

प्रसाद के डायरेक्शन में बनी फ़िल्म शारदा ने मीना कुमारी को इंडियन सिनेमा की ट्रेजेडी क्वीन बना दिया था। यह उनकी राज कपूर के साथ भी पहली फिल्म थी।

साहब बीबी और गुलाम

साहिब बीबी और गुलाम, गुरु दत्त की प्रोड्यूस की हुई और अबरार अल्वी के डायरेक्शन में बनी फिल्म थी। यह फिल्म बिमल मित्र के बंगाली उपन्यास साहेब बीबी गोलाम पर बेस्ड थी। फिल्म में मीना कुमारी, गुरु दत्त, रहमान, वहीदा रहमान और नासिर हुसैन के लीड रोल थे। फिल्म का म्यूजिक हेमंत कुमार ने दिया था। इस फिल्म ने चार फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे, जिसमें बेस्ट एक्ट्रेस का पुरस्कार भी शामिल है, जो मीना को मिला था। इस फिल्म को 13वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन बियर के लिए भी नॉमिनेट किया गया था। साहिब बीबी और गुलाम को ऑस्कर में भारत की ऑफिशियल एंट्री के रूप में भी चुना गया था।

दिल एक मंदिर

दिल एक मंदिर का डायरेक्शन सी वी श्रीधर ने किया था। इस फिल्म में मीना कुमारी के साथ राजेंद्र कुमार, राज कुमार और महमूद ने लीड रोल किए थे।शंकर जयकिशन फिल्म के म्यूजिक कंपोजर थे। यह बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ी हिट साबित हुई थी।

काजल

काजल में मीना कुमारी के साथ धर्मेंद्र, राज कुमार, पद्मिनी, हेलेन, महमूद और मुमताज़ भी थे।राम माहेश्वरी द्वारा निर्देशित यह फिल्म 1965 की टॉप 20 फिल्मों में शामिल हुई थी और मीना कुमारी ने काजल के लिए अपना चौथा और आखिरी फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था। ये फिल्म गुलशन नंदा के उपन्यास माधवी पर बेस्ड थी।

पाकीजा

फिल्म पाकीजा, नरगिस नाम की लड़की की कहानी थी जो एक कोठे पर पलती है और एक खूबसूरत फेमस प्रॉस्टीच्यूट साहिबजान बनती है। ये करेक्टर मीना कुमारी ने प्ले किया था। नवाब सलीम अहमद खान यानि राज कुमार को साहिबजान से प्यार हो जाता है और वो उसे शादी करने के लिए पाकीजा नाम से अपने साथ ले आते हैं। साहिबजान एक अच्छे इंसान को बदनामी ने बचाने के लिए कोठे पर लौट आती है। बाद में सलीम किसी और से शादी करने का फैसला लेकर वेडिंग में डांस करने के लिए साहिबजान को बुलाता है जहां उसे पता चलता है कि वो दरसल सलीम के खानदान का ही हिस्सा है और हालात का शिकार हो कर कोठे पर जा पहुंची थी।

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