सोनम का नाम उनके पेरेंटस ने बख्तावर मुराद रखा था जिसका मतलब होता है लकी या फॉरच्युनेट वन और सचमुच वो बेहद लकी और फॉरच्युनेट थीं. फिल्मों में अपना करियर बनाने के लिए उन्होंने अपना स्क्रीन नेम सोनम रख लिया. 1988 में सोनम ने यश चोपड़ा की फिल्म 'विजय' से अपने करियर का डेब्यु किया. फिल्म चल गयी और सोनम भी. वैसे वो एक्टर रजा मुराद की नीस हैं और वेटेनर एक्टर मुराद की ग्रैंड नीस, एक्ट्रेस सनोबर कबीर उनकी कजिन हैं.

1989 में आयी मूवी 'त्रिदेव' और उसके सांग 'ओए ओए तिरछी टोपी वाले' ने उन्हें जबरदस्त सक्सेज और पाप्युलैरिटी दिलाई अपने करियर की सेकेंड फिल्म में ऐसी पहचान वाकई फॉरच्युनेट लोगों को ही मिलती है. वैसे सक्सेज के हिसाब से सोनम का करियर बहुत कम टाइम के लिए चला इसलिए कह सकते हैं कि वो कामयाबी के शिखर पर ही रिटायर हो गयीं और उन्हे कभी सेडबैक या डाउन फॉल का सामना उस तरह नहीं Sonam Raiकरना पड़ा जिस तरह लोग अपने करियर को कांटिन्यु करने के लिए फेस करते हैं,इसीलिए वो वाकई लकी थीं.

सोनम ने कुल 30 फिल्में कीं जिसमें से दो तेलगु फिल्में थीं जिनमें उन्होंने साउथ के हिट एक्टर चिरंजीवी के साथ काम किया. हिंदी में भी उन्होंने नसीरुद्दीन शाह से लेकर उस दौर के कामयाब एक्टर्स संजय दत्त, जैकी श्रॉफ और गोविंदा के साथ ही काफी फिल्में कीं.  इसके बाद 19 साल की यंग एज में ही उन्होंने शादी करके रिटायरमेंट ले लिया.

सोनम ने फिल्म 'त्रिदेव' और 'विश्वासत्मा' में उन्हें डायरेक्ट करने वाले डायरेक्टर राजीव रॉय के साथ 1992 में शादी कर ली उस समय वो सिर्फ 19 साल की थीं. इसके बाद उन्होंने फिल्मों से रिटायर होने का डिसीजन ले लिया जो उनकी एज और सक्सेज को देखते हुए काफी बड़ा और सरप्राइजिंग था. 1997 में अंडावर्ल्ड डान अबु सलेम के इशारे पर उनके हसबेंड राजीव पर, जो रिनाउंड फिल्ममेकर गुलशन रॉय के बेटे भी थे, जानलेवा हमले का खतरा पैदा हो गया और सोनम अपने हसबेंड के साथ स्विटजरलैंड शिफ्ट हो गयीं और तब से वहीं सेटल हैं. उनका एक बेटा है गौरव रॉय. राजीव उसके बाद बीच में एक दो बार इंडिया आए और उन्होंने कुछ फिल्में भी बनाईं पर 2004 के बाद से वे लोग इंडिया नहीं आए और राजीव भी इंडस्ट्री  से दूर हैं.

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