कानपुर। 17 नवंबर 1982 को गुजरात के बड़ौदा में जन्में यूसुफ पठान टीम इंडिया के ऑलराउंडर खिलाड़ी रहे हैं। पठान को उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है, हालांकि इंटरनेशनल मैचों में उनकी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की ज्यादा झलक तो नहीं मिली मगर आईपीएल जैसी टी-20 लीगों में वह जमकर रन बनाते हैं। हालांकि इस बार तो आईपीएल 2020 की नीलामी से पहले यूसुफ को सनराइजर्स हैदराबाद ने टीम से रिलीज कर दिया है।

yusuf pathan birthday: 37 साल के हुए यूसुफ पठान,ऐसा है इस भारतीय क्रिकेटर का करियर

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला अंतरर्राष्ट्रीय मैच

युसुफ पठान ने इंटरनेशनल क्रिकेट में काफी देर से इंट्री की। युसुफ से पहले उनके छोटे भाई इरफान पठान भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बन चुके थे। युसुफ ने  22 सितंबर 2007 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला टी-20 मैच खेला। एक साल बाद 2008 को पाकिस्तान के अगेंस्ट युसुफ ने वनडे मैच में डेब्यु किया। युसुफ ने कुल 57 वनडे और 22 टी-20 मैच खेले हैं। जिसमें वनडे में उनका हाईस्कोर 123 रन और टी-20 में 37 रन है। टीम में युसुफ की भूमिका आलराउंडर की थी। बॉलिंग करते हुए भी युसुफ ने कई बार टीम को अहम मौके पर विकेट दिलाए।

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आईपीएल में खेली कईं यादगार पारियां

ताबड़तोड़ बैटिंग के चलते विरोधी खेमे में हलचल मचाने वाले युसुफ आईपीएल के सबसे मंहगे खिलाड़ी भी रहे हैं। 2012 के बाद युसुफ को इंटरनेशनल टीम में जगह तो नहीं मिली लेकिन आईपीएल में उनकी धुआंधार बैटिंग जारी रही थी। आईपीएल में सबसे तेज शतक लगाने वाले बल्लेबाजों में युसुफ पठान का दूसरा नंबर है। साल 2010 में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए युसुफ ने 37 बालों में शतक ठोक दिया था। वहीं फॉस्टेस्ट फिफ्टी की बात करें, तो यह रिकॉर्ड युसुफ के नाम है। उन्होंने 2014 में कोलकाता की तरफ से खेलते हुए 15 बालों में अर्धशतक पूरा करके इतिहास रच दिया था।

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सांस लेने की दवा के चलते हुए बैन

पठान को साल 2017 में एक घरेलू टूर्नामेंट के दौरान हुए डोप टेस्ट में प्रतिबंधित पदार्थ टर्बुटेलाइन के सेवन का दोषी पाया गया था। तब यूसुफ को 5 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। ऐसी जानकारी मिली थी कि जब यूसुफ की तबीयत ठीक नहीं थी और उन्हें सांस लेने में दिक्क्त हो रही थी, तब उन्होंने ब्रोजेट नामक दवाई ली जिसमें टर्बुटेलाइन नामक पदार्थ था। खिलाड़ी को कोई विशेष दवाई लेने के लिए थेरेप्यूटिक यूज एक्जेम्पशन (टीयूई) का आवेदन करना होता है। पठान ने इस तरह का कोई आवेदन नहीं किया, उनके टीम के डॉक्टर ने भी इस तरह की दवाई के उपयोग के लिए पूर्व में अनुमति नहीं ली। जिसके चलते उन्हें प्रतिबंध झेलना पड़ा था।

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