कानपुर। बच्चों से लगाव रखने और उनको चाहने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री की आज बर्थ एनिवर्सरी है। मालूम हो 1947 से 1964 तक वो आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री रहे। नेहरू का जन्म ब्रिटिश भारत के एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था जो अपने समय के धनी बैरिस्टर हुआ करते थे। उनकी माता का नाम स्वरूपरानी था जो मोतीलाल की दूसरी पत्नी थीं। मालूम हो कि बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू भी कहते थे।

यहां से की पढ़ाई

ब्रिटैनिका वेबसाइट के मुताबिक जवाहर लाल नेहरू ने अपनी स्कूली शिक्षा लंदन के हैरो से प्राप्त की। इसके बाद की शिक्षा उन्होंने ट्रिनिटी काॅलेज कैम्ब्रिज से प्राप्त की जो लंदन में है। इसके बाद उन्होंने लाॅ की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से हासिल की। इस तरह उन्होंने इंग्लैंड में सात साल बिता दिए। अपनी पढ़ाई पूरी कर नेहरू 1912 में भारत लौटे और वकालत शुरू की। कुछ समय बाद उनकी शादी कमला नेहरू से हो गई। भारत वापस आने के बाद जब वो माहत्मा गांधी के संपर्क में आए तब उनका रूझान राजनीतिक होने लगा।

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भारत की स्वतंत्रता में योगदान

जिस वक्त जवाहरलाल नेहरू गांधी जी से मिले उस वक्त महात्मा गांधी का सविनय अवज्ञा आंदोलन काफी जोरों पर था जिससे नेहरू काफी प्रभावित हुए। कहते हैं इससे प्रभावित हो कर वो गांधी टोपी पहनने लगे। वहीं इस आंदोलन का उन पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने बाद में असहयोग आंदोलन में काफी सक्रिय भूमिका निभाई। इस आंदोलन के दौरान वो गिरफ्तार भी कर लिए गए थे। रिहा होने के बाद वो भारत छोड़ो आंदोलन का भी हिस्सा बने और फिर गिरफ्तार कर लिए गए पर उन्होंने हार नहीं मानी और एक-एक कर कई आंदोलनों का हिस्सा बनें। इस तरह वो गांधी जी के चहेते भी बन गए और उन्होंने भारत को स्वतंत्र बनाने में अपना पूरा योगदान दिया। देश के प्रति अपने इतने लगाव और निष्ठा के चलते ही वो स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री भी बने।

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