Dussehra 2020 Abhijit Muhurat in Hindi: शास्त्रों एवं मनीषियों के विचारों के अनुसार हर व्यक्ति के अन्दर बुराई के रुप में रावण एवं अच्छाई के रुप में राम अन्तर्मन में विराजमान रहते है। हम निरन्तर अपनी रावणरुपी बुराईयों पर विजय पाने का प्रयास करते रहते है। शायद यहीं पूर्ण मनुष्य होने का एक प्रयास भी माना जा सकता है। अन्तर चेतना में एक बड़ा संसार विराजमान है। यह दो प्रवृत्तियों पर चलता है। मानव मन में उठने वाली हिंसक प्रवृत्तियों एवं अशुभ विचारों का प्रतिनिधित्व रावणरुपी मन करता है। दया, करुणा, ममता, ईमानदारी एवं समाज के प्रति स्वच्छ विचाररुपी अन्तरचेतना राम के रुप में विराजमान है। हम सदवृत्तियों की ओर बढ़ते है तो हमारा अन्तर्मन राममय होता है। जैसे-जैसे मन में कुवृत्तियाँ बढ़ती जाती है हम रावणमय हो जाते है।।

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कब है अभिजित मूहूर्त
हमें निरन्तर अपने अन्तर्मन के कुवृत्तिरुपी रावण का वध करते रहना चाहिए। कुवृत्तियाँ जैसे-जैसे समाप्त होने लगेगीं। वैसे-वैसे सदवृत्तियाँ जागृत हो जायेगीं। हमारा अन्तर्मन राममय हो जायेगा। इसीलिए दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई के विजय के रुप में मनाया जाता है। विद्वानों का मत है कि विजयदशमी जैसा शुभमूहूर्त और कोई नहीं है यदि विजयदशमी के दिन अभिजित मूहूर्त में कोई शुभ कार्य को प्रारम्भ किया जाये तो उसमें विजयश्री अवश्य मिलती है। 25 अक्टूबर 2020 को 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक अभिजित मूहूर्त रहेगा। इस समय किसी कार्य का प्रारम्भ या उद्घाटन करना अतिशुभ रहेगा। जातक के कार्यों में विजय मिलेगी।

द्वारा: ज्योतिषाचार्य डॉ० त्रिलोकी नाथ

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