कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। भगवान गणेश का प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। कोई भी पूजा हो, श्री गणेश के साथ ही आरंभ होती है। ऐेस में जब गणपति की पूजा की बात होती है तो इनके लिए गणेश चतुर्थी को सबसे बड़ा दिन माना जाता है। इस दिन भगवान गजानन का जन्म हुआ था। उनके इस जन्मोत्सव को गणेशोत्सव के रूप में मनाते हैं। गणेश जी की पूजा के दौरान हमें कुछ पूजा सामग्री का विशेष ध्यान रखना होता है।

पूजन सामग्री
कुमकुम, केसर, अवीर, गुलाल, सिन्दूर, पुष्प, चावल, चौसरे, ग्याराह सुपारियां, पंचामृत, पंचमेवा, गंगाजल, बिल्व पत्र, धूप बत्ती, दीप, नैवेद्य लड्डू पांच गुड़ प्रसाद, लौंग, इलायची, नारियल, कलश, लाल कपड़ा एक हाथ, सफेद कपड़ा एक हाथ, बरक, इत्र, पुष्पहार, डंठल सहित पान, सरसो, जनेऊ, मिश्री, बताशा और आंवला।

भगवान गणेश की पूजा करते समय ध्यान रखने वाली बातें

1. गणेशजी की पूजा सायं काल की जानी चाहिए, पूजनोपरान्त नीची नजर से चन्द्रमा को अर्ध्य देकर ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।
2. घर में तीन गणेशजी की पूजा नहीं करनी चाहिए।
3. यदि चन्द्र दर्शन हो जायें तो मुक्ति के लिए "हरिवंश भागवतोक्त स्यमन्तक मणि के आख्यान" का पाठ भी करना चाहिए।

ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा।
बालाजी ज्योतिष संस्थान, बरेली।