-हरितालिका तीज व्रत के लिए सजे रहे बाजार

-साड़ी और चूड़ी से लेकर ज्वैलरी की हुई जबर्दस्त मार्केटिंग

-मेहंदी लगवाने की लगी रही होड़

ALLAHABAD: बुधवार को वह खास दिन है, जिसका हर सुहागिन महिला बहुत ही बेसब्री से इंतजार करती है। अपने सुहाग के लिए कठिन तपस्या करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं और यह खास दिन है हरितालिका तीज, जिसके लिए मंगलवार को दिनभर महिलाएं तैयारी में जुटी रहीं। जमकर मार्केटिंग की।

मेहंदी की ज्यादा रही डिमांड

कहा जाता है कि जिसके हाथ की मेहंदी जितनी रंग लाती है, उसे उतना ही अपने पति और ससुराल का प्रेम मिलता है। सावन में मेहंदी की सोंधी खुशबू से घर-आंगन तो महकता ही है, महिलाओं की सुंदरता में भी चार चांद लग जाते हैं। इसलिए कहा भी गया है, मेहंदी बिन नारी का सौंदर्य अधूरा। अधूरे सौंदर्य को पूरा करने के लिए मंगलवार को सिविल लाइंस एरिया में मेहंदी लगवाने वाली महिलाओं की भीड़ लगी रही। राजस्थानी, दुल्हन, अरेबिक, बॉम्बे गोल्ड, सिल्वर और ब्लैक मेहंदी डिजाइन की काफी डिमांड रही। विवाहिताएं राजस्थानी और दुल्हन डिजाइन पसंद कर रही हैं।

शाम 6.05 बजे के बाद पूजन

ग्रह नक्षत्रम ज्योतिष शोध संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य आशुतोष वाष्र्णेय ने बताया कि बुधवार का दिन सौभाग्य का दिन है। इस बार बुधवार के दिन हरितालिका तीज पड़ने से व्रत का महत्व बढ़ गया है। शाम 6.05 बजे सूर्यास्त एवं 7.52 बजे चंद्रमा अस्त हो जाएंगे। इसके मद्देनजर हरितालिका तीज व्रत का पूजन 6.05 बजे के बाद शुरू करके चंद्रमा के अस्त होने से पहले खत्म कर देना कल्याणकारी रहेगा।

व्रत रखने वाली महिलाएं इन तीन बातों का रखें ध्यान

तीज मतलब तीसरी तिथि जो तीन बातों की ओर संकेत करती है। ज्योतिषाचार्य आशुतोष वाष्र्णेय ने बताया कि तीज पर व्रती महिलाओं को तीन बातें हमेशा के लिए छोड़नी चाहिए। इसमें पित से छल कपट, झूठ एवं दु‌र्व्यवहार एवं परनिंदा को हमेशा के लिए त्यागने का संकल्प लेना चाहिए। सुहाग पिटारी में सुहाग की सारी वस्तुएं रख कर पार्वती जी को चढ़ाना चाहिए। पूरी रात जागरण करते हुए भजन कीर्तन में अपना समय बिताना चाहिए।

इनसे बनी रहेगी कृपा

1-देवी भागवत के अनुसार माता पार्वती का अभिषेक आम अथवा गन्ने के रस से किया जाए तो लक्ष्मी और सरस्वती भक्त का घर छोड़कर कभी नहीं जातीं।

2-शिवपुराण के अनुसार लाल व सफेद आंकड़े के फूल से शिव का पूजन करने पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।

3-माता पार्वती को घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है।

4-माता पार्वती को शक्कर का भोग लगाकर उसका दान करने से भक्त को दीर्घायु प्राप्त होती है।

5-शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को चमेली के फूल बढ़ाने से वाहन सुख मिलता है।

6-भगवान शिव की शमी पत्रों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है। धतूरे के पुष्प के पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं।

7-भगवान शिव पर ईख (गन्ना) के रस की धारा चढ़ाई जाए तो सभी आनन्दों की प्राप्ति होती है। शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।

8- देवी भागवत के अनुसार वेद पाठ के साथ यदि कर्पूर, अगरु (सुगंधित वनस्पति), केसर, कस्तूरी व कमल के जल से माता पार्वती का अभिषेक करने से सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है।

9-जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है। कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नवीन वस्त्रों की प्राप्ति होती है।

10- देवी भागवत के अनुसार माता पार्वती को केले का भोग लगाकर दान करने से परिवार में सुख-शांति रहती है। शहद का भोग लगाकर दान करने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं।

11- भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है। तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।

12- देवी भागवत के अनुसार माता पार्वती को नारियल का भोग लगाकर उसका दान करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।