-मार्केट में धड़ल्ले से बिक रही बेल्ट, डॉक्टर्स नहीं करते हैं सपोर्ट

PRAYAGRAJ: हार्निया एक नॉर्मल बीमारी है। इसे ऑपरेशन के जरिए आसानी से ठीक किया जा सकता है, लेकिन कभी-कभी हार्निया जानलेवा भी हो जाती है। मार्केट में मरीजों को बरगलाने के कई साधन उपलब्ध हैं और इनमें से एक है हार्निया बेल्ट। इसे धड़ल्ले से बेचा जा रहा है जबकि डॉक्टर्स इसे प्रिस्क्राइब नहीं करते। उनका कहना है कि इसे लगाने से मरीज को लाभ नहीं होता उल्टे मर्ज पुराना हो जाता है। यह बातें एसआरएन स्थित सर्जरी विभाग के एचओडी डा। शबी अहमद ने कांफ्रेंस में कहीं। वह रविवार को भारतीय हार्निया सोसायटी के तत्वावधान में एमएलएन मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में बोल रहे थे।

दूरबीन विधि अधिक सेफ

कांफ्रेंस के दौरान दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल से आए डॉ। चिंतामणि और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली के डॉ। पवनिंद्र लाल ने हार्निया के दूरबीन विधि से सर्जरी को सेफ बताया। उन्होंने कहा कि हार्निया के दो कारण होते हैं। पहला यह कंजनाइटिल होती है और दूसरे किसी अन्य सर्जरी के कॉम्पि्लकेशन की वजह से हो जाती है। महिलाओं में आपरेशन से बच्चे होने के बाद हार्निया के मामले अधिक देखने में आते हैं।

दूसरे दिन पांच मरीजों का आपरेशन

कांफ्रेंस के दूसरे दिन पांच मरीजों का नि:शुल्क ऑपरेशन किया गया। इसमें एम्स नई दिल्ली के पूर्व निदेशक एमसी मिश्रा, डॉ। अशुरी कृष्णा, बीएचयू वाराणसी के डॉ। राजीव सिन्हा और डॉ। संदीप कुमार ने अंजाम दिया। दूरबीन विधि से ऑपरेशन पर श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से आए डॉ। मुनीर खां ने व्याख्यान दिया। छात्रों ने हार्निया आपरेशन पर शोध पत्र भी प्रस्तुत किया। सफल आयोजन के लिए डॉ। शबी अहमद ने सभी को बधाई व धन्यवाद दिया।