नई दिल्ली (पीटीआई)।  केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एनएमसी और नीट को लेकर बड़े ऐलान किए हैं। उन्होंने शुक्रवार को कहा एम्स और जिपमर समेत देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स में 2020 से नीट के आधार पर प्रवेश होगा। अभी तक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जिपमर) को छोड़कर सभी मेडिकल काॅलेजों में नीट के माध्यम से दाखिला होता है।

कॉमन काउंसलिंग सिस्टम अगले साल 2020 से लागू हो जाएगा

डाॅक्टर हर्षवर्धन की ओर से यह घोषणा नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के अधिनियमन के बाद की गई है। एम्स और जिपमर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत कार्य करते हैं और वर्तमान में अपने स्वयं की प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं। हालांकि अब इन पर भी नीट के माध्यम से दाखिला कराने की प्रक्रिया लागू होगी। उन्होंने यह भी कहा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम के अनुसार एमबीबीएस के लिए  कॉमन काउंसलिंग सिस्टम अगले साल 2020 से लागू होगा।

एनएमसी के सदस्यों का चयन करने के लिए 14 अक्टूबर को ड्रा

नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट, 2019 में एमबीबीएस के लिए कॉमन काउंसलिंग के साथ-साथ कॉमन नेशनल एंट्रेंस टेस्ट - एनईईटी - और कॉमन फाइनल ईयर एमबीबीएस एग्जाम का प्रावधान है, जो एम्स जैसे राष्ट्रीय महत्व वाले सभी संस्थानों पर लागू होगा। इसके अलावा डाॅक्टर हर्षवर्धन ने कहा, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य चिकित्सा परिषदों के उम्मीदवारों से एनएमसी के सदस्यों का चयन करने के लिए 14 अक्टूबर को एक ड्रॉ का अायोजन किया जाएगा।

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