नई दिल्ली (आईएएनएस) हरियाणा की नई विधानसभा के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होगा, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और हरियाणाइलेक्शन वॉच (HEW) ने 13 वीं विधानसभा के विधायकों के प्रदर्शन का विश्लेषण किया है।

विधानसभा में पेश 174 विधेयकों में से 170 पारित हुए जो कि 98 प्रतिशत है। यह सदन में जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संख्या बल वहीं विपक्ष के बिखराव को भी उजागर करता है। जबकि सदन की कुल बैठकों की संख्या, जिनकी योजना बनी और आयोजित हुईं के बीच ज्यादा अंतर नहीं है। हालांकि ऐसे विधायकों की संख्या कम नहीं है जिनका प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा है।

किरण चौधरी ने पूछे सबसे ज्यादा सवाल
सदन में सिर्फ 75 ने विधायकों ने ही सवाल पूछे। अगर सवाल को प्रदर्शन का मापदण्ड बनाया जाए तो तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी 225 प्रश्नों के साथ शीर्ष पर हैं। डबवाली निर्वाचन क्षेत्र से इंडियन नेशनल लोकदल के नैना सिंह चौटाला उनसे ज्यादा पीछे नहीं हैं। टॉप 10 में सत्तारूढ़ बीजेपी की केवल एकएमएलए प्रेमलता हैं।

16 विधायकों ने नहीं पूछा एक भी सवाल
16 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने राज्य या उनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों को उठाने के बारे में एक भी सवाल पूछने की जहमत नहीं उठाई। कांग्रेस के राष्ट्रीय चेहरे रणदीप सिंह सुरजेवाला और भाजपा प्रवक्ता कैप्टन अभिमन्यु उनमें से एक हैं। एडीआर के प्रमुख मेजर जनरल अनिल वर्मा इस बारे में कहते हैं कि 'मुझे नहीं पता कि वे सवाल पूछने के लिए उत्सुक क्यों नहीं हैं ... वास्तव में, बिल बहुत बार चर्चा के बिना पारित किए जाते हैं। यह एक खुशनुमा स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के विधायकों की उपस्थिति के बारे में जानकारी देने से मना कर दिया गया,'मुझे नहीं पता कि इसे सीक्रेट रखने जैसी कौन सी बात है।'