चंडीगढ़ (पीटीआई) खट्टर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने 27 अक्टूबर को शपथ ली लेकिन अगले 17 दिनों में किसी अन्य सदस्य को शपथ नहीं दिलाई गई। विस्तार के बाद छह कैबिनेट-रैंक और चार राज्य मंत्रियों को शामिल करने से अब मंत्रिमंडल में 12 सदस्य हो गए हैं। भविष्य में दो और मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। 90 सदस्यीय विधानसभा वाले राज्य में कुल मिलाकर 14 मंत्री हो सकते हैं। हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने यहां राजभवन के लॉन में एक समारोह में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई।

शपथ लेने वालों में आठ बीजेपी, एक जेजेपी व एक निर्दलयी
10 नए मंत्रियों में से आठ भारतीय जनता पार्टी के हैं और एक चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) व एक निर्दलीय है। सात निर्दलीय भाजपा-जेजेपी सरकार का समर्थन कर रहे हैं। पूर्व हॉकी खिलाड़ी-भाजपा-विधायक संदीप सिंह को छोड़कर, सभी मंत्रियों ने हिंदी में शपथ ली। केसरिया पगड़ी पहने, सिंह ने पंजाबी में शपथ ली। कलायत विधानसभा सीट से भाजपा विधायक कमलेश ढांडा अकेली महिला मंत्री हैं।

कौन-कौन बना मंत्री
कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शामिल होने वालों में भाजपा के पांच सदस्य हैं: छह बार के विधायक अनिल विज (अंबाला छावनी), पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कंवर पाल गुर्जर (जगाधरी), मूलचंद शर्मा (बल्लभगढ़), जय प्रकाश दलाल (लोहारू) और बनवारी लाल (बावल)। छठवें कैबिनेट-रैंक मंत्री रानिया से निर्दलीय चुनाव जीते पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के भाई रंजीत सिंह हैं। राज्य मंत्रियों में ओम प्रकाश यादव (नारनौल), कमलेश ढांडा (कलायत), संदीप सिंह (पिहोवा) और जेजेपी के अनूप धानक (उकलाना) हैं। ढांडा, सिंह और दलाल पहली बार के विधायक हैं।

क्षेत्रीय सतुंलन बनाने की कोशिश
मंत्रिपरिषद में, जिसमें अब मुख्यमंत्री सहित 12 सदस्य हैं, नौ भाजपा से हैं, दो जेजेपी से और एक निर्दलीय है। मंत्रिमंडल में अम्बाला, सिरसा, भिवानी-महेंद्रगढ़, गुड़गांव, फरीदाबाद, करनाल, हिसार और कुरुक्षेत्र संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व मिला है। जबकि खट्टर और अनिल विज पंजाबी समुदाय से हैं, दुष्यंत चौटाला, उनके दादा चाचा रंजीत सिंह चौटाला, जे पी दलाल और कमलेश ढांडा जाट हैं। बनवारी लाल भाजपा का दलित चेहरा हैं। खट्टर के नेतृत्व वाली पिछले मंत्रिमंडल में से अनिल विज और बनवारी लाल केवल दो सदस्य हैं जिन्होंने फिर से विधानसभा चुनाव जीता। दिग्गज रामबिलास शर्मा, ओ पी धनखड़ और कैप्टन अभिमन्यु समेत आठ मंत्री हार गए।

विपक्ष के दावे को किया खारिज
भाजपा 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, लेकिन वह अपने दम पर बहुमत पाने में विफल रही। दुष्यंत चौटाला की JJP, जो कुछ महीने पहले इंडियन नेशनल लोकदल से अलग हो गई थी, तब अपने 10 विधायकों के साथ सरकार बनाने के लिए पार्टी के समर्थन में आई। फरीदाबाद के सांसद और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने विपक्ष के इस दावे को खारिज कर दिया कि भाजपा-जेजेपी गठबंधन विफल है। उन्होंने कहा, 'उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। उन्हें पांच साल के लिए समय देना होगा और वे कहते रहेंगे कि यह सरकार पूरी अवधि तक नहीं चलेगी। लेकिन उनकी इच्छा कभी पूरी नहीं होगी। हम एक मजबूत और स्थिर सरकार प्रदान देंगे।' केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्य भाजपा प्रमुख सुभाष बराला, भाजपा की हरियाणा इकाई के प्रभारी अनिल जैन, स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता, जेजेपी के राज्य प्रमुख निशान सिंह भी शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए।

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