अन्य मंत्रियों को भी दिलाई गई शपथ
इससे पहले पिछले 18 साल में वह राज्य के पहले गैर जाट सीएम हैं. समारोह में खट्टर के साथ नौ मंत्रियों ने भी पद की शपथ ली. इनमें रामविलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनकड़, अनिल विज, कविता जैन और नरबीर सिंह को कैबिनेट का मंत्री बनाया गया. वहीं विक्रम सिंह ठेकेदार, कर्ण देव कंबोज और कृष्ण कुमार बेदी को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद दिया गया.
 
PM भी पहुंचे समारोह में
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित भाजपा शासित छह राज्यों के मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी समारोह के लिए निमंत्रण दिया गया था, लेकिन वह नहीं आए. शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन पहली बार पंचकूला में किया गया था. इतना ही नहीं समारोह पर करीब एक करोड़ रुपए का खर्च आया.
 
50 हजार कुर्सियां लगी थीं 13 एकड़ क्षेत्र में
पंचकूला के सेक्टर पांच स्थित मेला ग्राउंड में हुए इस समोराह में 1200 वीवीआईपी और वीआईपी के लिए बैठने का खास तरीके से इंतजाम किया गया था. बैठने की व्यवस्था 13 एकड़ क्षेत्र में बेहद उम्दा तरीके से की गई थी, जहां 50 हजार कुर्सियां लगाई गई थीं. मेला ग्राउंड में तकरीबन सवा दो सौ मेहमानों के बैठने के लिए अलग से खास मंच बनाया गया था. इस पर केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ साधु-संतों के बैठने का भी अच्छा इंतजाम किया गया था, जिन्हे अति विशिष्ट अतिथि का दर्जा हासिल था.
 
लिया गया था स्थल का बखूबी जायजा
शपथ ग्रहण समारोह से पहले शनिवार रात तकरीबन 7 बजे खट्‌टर खुद सरप्राइज विजिट पर पंचकूला पहुंचे थे. उन्होंने समारोह स्थल पर चल रही सभी तैयारियों का बारीकि के साथ जायजा लिया था और वहां काम कर रहे लोगों से बात भी की थी. माना जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई नामित सीएम अपने शपथग्रहण समारोह की तैयारियां देखने खुद मौके पर पहुंचा हो.
 
...तो अंधविश्वास को लेकर बदल दिया था स्थान
ऐसी जानकारी मिल रही है कि शपथ ग्रहण समारोह पहले सेक्टर-3 के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में होने वाला था, लेकिन बाद में इसे सेक्टर-5 स्थित हुडा मैदान में स्थानांतरित कर दिया गया. इसके पीछे एक वजह यह भी बताई जा रही है कि भाजपा नहीं चाहती थी कि खट्टर ऐसी जगह शपथ लें, जिसका नाम आईएनएलडी के संस्थापक के नाम पर रखा गया था. साथ ही, देवीलाल हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. दूसरी वजह नंबर 5 है. यह भी माना जा रहा है कि मेला ग्राउंड सेक्टर-5 में है और 5 नंबर को खट्टर के लिए अच्छा नहीं माना जाता है.

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