निर्भया मामले के बाद पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर न सिर्फ बहस हुई बल्कि कानून में भी बदलाव किए गए. मोदी सरकार बनने के बाद हालात में कितना बदलाव आया है. महिलाएं घर के भीतर और बाहर अपने को कितना सुरक्षित महसूस करती हैं. सरकार के एक साल के कामकाज पर लोगों की राय जानने निकली inextlive.com की टीम ने यह पता लगाने की कोशिश की.

अभी भी सुरक्षित नहीं

अगर सर्वे में शामिल लोगों की राय को पैमाना माना जाए तो महिलाएं अभी भी अपने को घर और बाहर पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित नहीं पाती हैं. ज्यादातर लोगों का मानना है कि मोदी सरकार अपने कार्यकाल के पहले साल में इस दिशा में कुछ ठोस कर पाने में नाकाम रही है. जहां 37 प्रतिशत लोगों का मानना है कि महिलाएं अभी भी असुरक्षित महसूस करती हैं. वहीं 31 प्रतिशत का कहना है कि सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं. हालांकि 22 प्रतिशत लोगों की राय में मोदी सरकार के पहले साल में महिलाओं के प्रति अपराध में कमी आई है.

महिलाओं की राय

अगर सिर्फ महिलाओं की राय की बात की जाए तो 39 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि वह अभी भी घर और बाहर अपने को असुरक्षित पाती हैं. वहीं 30 प्रतिशत की राय में सरकार ने साल भर में उनकी सुरक्षा के लिए कोई ठोस पहल नहीं की है. सिर्फ 16 प्रतिशत महिलाएं मानती हैं कि उनके प्रति अपराधों में कमी आई है. वहीं 15 प्रतिशत महिलाओं ने इसे अपनी नियति मान बैठी हैं. उन्हें निकट भविष्य में हालात बदलते नजर नहीं आते. अगर पुरुषों की बात की जाए तो 36 प्रतिशत पुरुष भी मानते हैं कि महिलाएं अभी भी पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित नहीं हैं. पुरुषों में से 31 प्रतिशत भी इससे सहमत हैं कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई बड़ा कदम उठाने में नाकाम रही है.

Infographic: People's opinion about women's safety during one year of Narendra Modi led NDA government


 


नोट: सर्वे के परिणाम मोदी सरकार के कामकाज पर चार राज्यों (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार व झारखंड) के 12 शहरों (कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, बरेली, आगरा, मेरठ, देहरादून, पटना, रांची व जमशेदपुर) के लोगों की राय पर आधारित हैं.


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