बिना रुके end point पर पहुंचे सबसे छोटे अथर्व
कुछ कर गुजरने का हौसला और जज्बा हो तो उम्र कभी आड़े नहीं आती। इसका बेहतरीन एग्जाम्पल बाइकाथन में देखने को मिला। जहां एक तरफ छोटे उस्तादों ने जमकर धमाल मचाया तो दूसरी ओर उम्र के आखिरी पड़ाव की ओर बढ़ रहे सीनियर सिटीजन्स ने भी अपनी अलग छाप छोड़ी। दोनों ने उम्र के इस अलबेले संगम ने इवेंट में चार चांद लगा दिया।
मान गए छोटे उस्ताद
नाम- अथर्व
उम्र- सात साल
हजारेां की भीड़ में उम्र में सबसे छोटे अथर्व ने दस किमी का सफर चंद मिनटों में ही तय कर लिया। एक बार चीफ गेस्ट ने फ्लैग ऑफ क्या किया, अथर्व ने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्हें तो बस जल्द से जल्द इंड प्वाइंट तक पहुंचना था। स्टेडियम मे इंतजार कर रहे उनके पिता अजय कुमार का दिल घबरा रहा था लेकिन जैसे ही उन्होंने बेटे को देखा उनका चेहरा खिल उठा। उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के इम्प्लाई अजय ने बताया कि ये अथर्व का पहला पार्टिसिपेशन था। इसलिए उन्हें चिंता हो रही थी।
देखते ही बन रही थी बेताबी
नाम- शशांक सिंह
उम्र- नौ साल
अगर बाइकाथन में शशांक शामिल हुए तो यह उनका खुद का एफर्ट था। उन्होंने शुरुआत से ही फैमिली में सबको इवेंट की ओर मोटीवेट किया। उनके फादर संजय सिंह ने बताया कि मॉर्निंग में ही शशांक स्टेडियम आ गए थे। यहां आते ही उन्होंने सबसे पहले टीशर्ट ली और उसके बाद साइकिल पर सवार हो गए। जब तक रैली की शुरुआत नहीं हुई वे लगातार साइक्लिंग करते रहे। इस उम्र में ऐसा जज्बा वाकई काबिलेतारीफ है।
उम्र छोटी-सोच बड़ी
नाम- त्रिशा
उम्र- 11 साल
गल्र्स हाईस्कूल में पढऩे वाली त्रिशा की एज भले ही इतनी कम हो लेकिन उनकी सोच औरों से कहीं आगे है। वे मानती हैं कि इन्वॉयरमेंट को सेफ रखने के लिए साइक्लिंग से बेहतर और कोई दूसरा ऑप्शन नहीं हो सकता है। यही रीजन था कि इवेंट में उन्होंने बढ़ चढ़कर पार्टिसिपेट किया। वे कहती हैं कि ऐसे इवेंट में और अधिक लोगों को आगे आना चाहिए, ताकि बढ़ते एयर पॉल्यूशन पर लगाम लगाई जा सके।
युवाओं को देखकर अच्छा लगा
नाम- शिवनाथ सिंह
उम्र- 72 साल
आज की तेज रफ्तार भागती लाइफ में इन्वॉयरमेंट के बारे में सोचने का किसी के पास समय नहीं बचा है। सड़कों से साइकिलें कहां गायब होती जा रही हैं इसका जवाब किसी के पास नहीं है। ऐसे में आई नेक्स्ट का ये इवेंट अपने आप में अद्वितीय है। साइक्लिंग के लिए यंगस्टर्स का जबरदस्त क्रेज देखकर दिल खुश हो गया। ये कहना था एयरफोर्स से रिटायर शिवनाथ का। वे इस इवेंट में पार्टिसिपेट करने वाले सबसे ज्यादा उम्र के पार्टिसिपेंट थे। इसके पहले वे इंदिरा मैराथन में पार्टिसिपेट कर चुके हैं। उनकी नजर में ऐसे कामों में उम्र कोई मायने नहीं रखती है।
साइकिल चलाओ और रहो फिट
नाम- कृष्ण प्रसाद
उम्र- 67 साल
उम्र के इस पड़ाव पर अगर कृष्ण प्रसाद पूरी तरह से जवान और जिंदादिल हैं तो ये साइक्लिंग का ही असर है। खुद एक्यूप्रेशर एक्सपर्ट हैं और दूसरों को साइक्लिंग की सलाह देने से नहीं चूकते। वे कहते हैं कि जीवन भर निरोग रहना है तो साइकिल से दोस्ती कर लो। आज भी वे डेली साइकिल से गंगा स्नान करने जाते हैं। ये उनका दूसरा मौका था जब वे बाइकाथन में पार्टिसिपेंट बने। इवेंट के दौरान न केवल उन्होंने साइक्लिंग की बल्कि यंगस्टर्स को एप्रिशिएट भी करते रहे।
यादगार बन गए ये पल
नाम- सलिल श्रीवास्तव
उम्र- 48 साल
गोविंदपुर के रहने वाले सलिल पेशे से एडवोकेट हैं। उन्होंने बाइकाथन में पहली बार पार्टिसिपेट किया और ये पल उनके लिए यादगार बन गए। 15 से 25 साल के यंगस्टर्स के बीच खुद को साइकिल चलाते देखना उनको अच्छा लगा। वे कहते हैं कि ऐसे इवेंट बार-बार होने चाहिए ताकि युवाओं में सोसायटी के प्रति जवाबदेही पैदा हो। वे साइक्लिंग के जरिए दूसरों को सेफ इन्वॉयरमेंट का मैसेज दे सकें।