CBI जांच की थी मांग
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें रॉबर्ट वाड्रा की कंपनियों द्वारा किये गये कथित भूमि सौदों की अदालत की निगरानी में CBI से जांच कराने की मांग की गई थी. चीफ जस्टिस जी रोहिणी और न्यायमूर्ति आर.एस एंडलॉ की पीठ ने कहा कि CBI जांच वाली याचिका को खारिज किया जाता है. हालांकि इसके पहले पीठ ने लॉयर एम.एल शर्मा द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

फैसले से नाखुश याचिकाकर्ता  
इस अदालत के अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर पीठ को संतुष्ट करने के लिये लॉयर ने कहा था कि कार्रवाई का कारण आंशिक रूप से दिल्ली में बनता है, क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) और शहरी विकास मंत्रालय जैसे कार्यालय और संवैधानिक इकाइयां यहां मौजूद हैं. शर्मा ने अदालत से कहा था कि वह पहले ही CBI को अभिवेदन दे चुके हैं, लेकिन न तो उसने FIR दर्ज की और न ही मामले में इनीशियल इंक्वायरी दर्ज की, जो 2005 से 2012 तक की अवधि के दौरान सरकारी खजाने को पहुंचे भारी नुकसान से संबंधित है.

लाइसेंस की जांच हो
हालांकि शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी भी सौंपी थी, जिसमें पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि यदि आरोप संज्ञेय अपराध होने का खुलासा करते हैं तो वे आवश्यक तौर पर FIR दर्ज करें. इसके अलावा याचिका में यह भी मांग की गई थी कि वाड्रा की कंपनियों द्वारा गुडगांव में खरीदी गयी कृषि जमीन के भू-इस्तेमाल को बदलने के लिये लाइसेंस प्रदान किये जाने की भी जांच की जाये.       

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