कहीं आप बीमार तो नहीं!

भागदौड़ भरी जिंदगी में थकना मना है। ऐसी ही सोच ने हमारी लाइफ स्टाइल को अस्त-व्यस्त करके रख दिया है। नतीजा, हम अपनी सेहत को लेकर बेहद लापरवाह हो गए हैं। हमें तब तक इसका अहसास नहीं होता जब तक हम पूरी तरफ बीमारी के गिरफ्त में नहीं चले जाते। हेल्थ चेकअप कैंप के फाइंडिंग्स कुछ ऐसे ही संकेत देते हैं।

-मौसम दे रहा है दगा, लाइफ स्टाइल और दिमागी फितूर बना परेशानी का सबब

-अलग-अलग हेल्थ चेकअप कैंप में सामने आई हकीकत

ALLAHABAD: एलर्ट रहना जरूरी है। पता नहीं कब कौन सी बीमारी आपको अपनी चपेट में ले ले। ये हकीकत है। कहीं मौसम की बेरुखी तो कहीं दिमागी फितूर या लाइफ स्टाइल लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही हैं। जिसका अंदाजा हमें रविवार को शहर के अलग-अलग जगहों पर लगे हेल्थ चेकअप कैंप के जरिए हुआ। यहां पर आने वाले कई लोगों को तो खुद के बीमार होने का अहसास भी नहीं था। जांच रिपोर्ट देखने के बाद वह खुद परेशान नजर आए। आइए जानते हैं कि सैकड़ों की जांच में कौन, किस बीमारी की चपेट में रहा।

जींस को नहीं खुद को दोष दें

पंजाबी सभा नेतानगर कीडगंज की ओर से रविवार को बड़े पैमाने पर हेल्थ चेकअप कैंप लगाया गया था। यहां कुल 500 मरीजों की जांच की गई, जिनमें डायबिटीज टॉप पर रही। 80 मरीज की रिपोर्ट में ब्लड में शुगर का लेवल अधिक होने का पता चला। फिजीशियन डॉ। अंकुर श्रीवास्तव ने बताया कि पैरेंट्स को डायबिटीज होने के बाद भी हेल्दी लाइफ स्टाइल के जरिए इस बीमारी से बचा जा सकता है। बावजूद इसके लोग अपने माता-पिता के जींस को दोष देते हैं, जबकि पूछताछ में पता चला कि वह बेहद तनाव में काम कर रहे हैं और खानपान भी अनसिस्टमेटिक है। ऐसे में वह खुद ब खुद इस खतरनाक बीमारी को दावत दे बैठते हैं।

दिमागी फितूर बना रहा सेक्सुअली साइको

कैंप में स्किन और सेक्स प्रॉब्लम्स से रिलेटेड 50 मरीज पहुंचे थे। इनमें से 15 सेक्सुअली साइको प्रॉब्लम से पीडि़त थे। स्किन स्पेशलिस्ट डॉ। सुदीप वर्मा ने बताया कि 28 से 35 साल की एज वाले ऐसे पेशेंट्स अपनी सेक्स पॉवर को लेकर टेंशन में हैं। इनको लगता है कि लाइफ पार्टनर उनकी परफॉर्मेस से सटिस्फाइड नहीं है। अश्लील साहित्य और मूवीज देखकर वह दिमागी फितूर का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा कैंप में 35 मरीज स्किन इंफेक्शन के पहुंचे। इंफेक्शन और पसीने के चलते वह स्किन एलर्जी के शिकार हो रहे हैं। ऐसे मरीजों को हाइजीन मेंटेन करने और धूप से बचाव के टिप्स दिए गए।

आंखों का मामला है जरा बचके

गर्मी के मौसम में एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस तेजी से फैल रहा है। आंखों में जलन और सूखेपन की वजह से घरों से निकलना दूभर हो रहा है। कैंप में आई स्पेशलिस्ट ने एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस, ग्लूकोमा, कट्रेक्ट, भैंगापन, ड्राई आई के 75 मरीजों को अटेंड किया। उन्होंने कहा कि तेज धूप, धूल और पसीने के आंखों में चले जाने से एलर्जी के मामले बढ़ रहे हैं। इसके अलावा कई मरीज ड्राई आई के भी सामने आए। बहुत अधिक टीवी देखने या कम्प्यूटर पर लांग टर्म वर्क करने से यह प्रॉब्लम क्रिएट हो रही है। उन्होंने मरीजों को प्रॉपर मेडिसिन लेने और आंखों की देखभाल करने की सलाह दी।

Fact file

कैंप में कुल आए मरीज- भ्00

डायबिटीज के पेशेंट- 80

स्किन और सेक्सुअल प्रॉब्लम्स के पेशेंट- 7भ्

एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस व अन्य आई रिलेटेड प्रॉब्लम्स के पेशेंट- 7भ्

डेंटल प्रॉब्लम्स के पेशेंट- भ्0

डायरिया, डिहाइड्रेशन और वायरल इंफेक्शन के पेशेंट- 80

डिफरेंट सर्जरी से रिलेटेड पेशेंट- ब्0

आयुर्वेद और होम्योपैथिक थेरेपी से रिलेटेड पेशेंट- क्00

जरा सी चूक भी बन सकती है परेशानी का सबब

कैंप में मौसमी बीमारियों डायरिया, वायरल इंफेक्शन और डिहाइड्रेशन के 80 से अधिक मरीज पहुंचे। इनको डॉक्टर्स ने भीषण गर्मी में खानपान में सावधानी बरतने की सलाह दी। वहीं डेंटल प्रॉब्लम्स से रिलेटेड भ्0 पेशेंट्स ने भी दस्तक दी। डेंटिस्ट डॉ। निधि श्रीवास्तव ने कहा कि प्रॉपर हाइजीन नहीं होने और ज्यादा स्टिकी फूड खाने से डेंटल प्रॉब्लम्स होने लगती हैं। कैंप का इनॉगरेशन स्किन स्पेशलिस्ट डॉ। एके बजाज ने किया। पंजाबी सभा के अध्यक्ष राना चावला और चेयरमैन अनिल हांडा ने बताया कि पहली बार लगाए गए कैंप का जबरदस्त रिस्पांस देखने को मिला है। इससे लोगों को बीमारी का पता चलता है साथ ही उनको उचित सलाह भी मिल जाती है। कैंप में डॉ। अनिल कालरा, डॉ। एसएस विश्वकर्मा और डॉ। संजय सिंह ने चेकअप किया।

म्भ् फीसदी की बॉडी में कैल्शियम की कमी

बलरामपुर हाउस स्थित टेम्पटेशन रेस्टोरेंट के कैंपस में डॉ। अजय जौहरी क ओर से आर्थोपेडिक चेकअप कैंप लगाकर सौ मरीजों का बीएमडी (बोन मिनिरल डेंसिटी) टेस्ट किया गया। इनमें से म्भ् फीसदी की बॉडी में कैल्शियम की कमी पाई गई। जिसके चलते उनको बोन रिलेटेड प्रॉब्लम हो रही थी। डॉ। जौहरी ने बताया कि कम्प्लीट डायट नहीं लेने और टेंशन भरी लाइफ के चलते बॉडी में कैल्शियम की मात्रा घटती जा रही है। इनमें से भ्भ् फीसदी महिलाएं थीं। मरीजों को ड्राई फ्रूट्स, दही, दूध, अंडा, पनीर, केला आदि लेने की सलाह दी गई। अधिकतर मरीज ब्भ् साल से अधिक एज के रहे। डॉ। जौहरी के मुताबिक कैंपस में ही केएम लाल मेडिकल सेंटर के इनॉगरेशन के मौके पर यह चेकअप कैंप लगाया गया है जहां दो हजार रुपए का बीएमडी टेस्ट फ्री किया जा रहा है।

इन पर ध्यान दें

- इंफेक्शन से बचने के लिए बार-बार आंखों को ठंडे पानी से धोएं।

- बाजार में बिकने वाले खुले फूड आइटम्स और पानी का यूज कतई न करें।

- फास्ट फूड का अधिक सेवन और फिजिकल एक्सरसाइज नहीं करना डायबिटीज का बड़ा कारण है।

- यंगस्टर्स को सेक्स रिलेटेड प्रॉब्लम्स के सॉल्यूशन के लिए पैरेंट्स या डॉक्टर्स की सलाह लेनी चाहिए।

-धूप में निकलने से पहले चेहरे और बॉडी को कपड़ों से ढंककर रखें।

- दिन में दो बार प्रॉपर ब्रशिंग की आदत बच्चों को सिखानी चाहिए।

- कम डायट लेने से बॉडी अक्सर बोन से कैल्शियम की पूर्ति करती है, जिससे बोन रिलेटेड प्रॉब्लम्स पैदा होने लगती हैं।