-मलेरिया विभाग ने की डेंगू के 5 मरीजों की पुष्टि, 25 से ज्यादा मरीज संदिग्ध

-सभी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए, मलेरिया ने भी पकड़ी रफ्तार, बढ़ रही पेशेंट्स की संख्या

बनारस में वेक्टर जनित बीमारियों(डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया) का खतरा बढ़ गया है। मानसून आते ही मच्छरों ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। इसमें सबसे आगे डेंगू है। दबे पांव ही सही पर डेंगू ने दस्तक दे दी है। सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट हर जगह डेंगू मलेरिया के मरीज पहुंचने लगे हैं। हालांकि अभी डेंगू के मरीजों की संख्या पिछले साल की तुलना में कम है। वहीं डॉक्टर्स का कहना है कि वेक्टर जनित बीमारियों का दौर शुरू हो चुका है। ऐसे में लोगों को इससे बचने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

मलेरिया के अब तक 58 मरीज

डेंगू का सीजन आते ही इससे प्रभावित मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है। जिला मलेरिया विभाग के आंकड़ों की मानें तो अब तक की रिपोर्ट में शहर में डेंगू के पांच मरीजों की पुष्टि की गई है। जबकि 25 से ज्यादा मरीज संदिग्ध की श्रेणी में हैं। इन सभी मरीजों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। वहंी मलेरिया के केस की बात करें तो विभाग में बीते दो माह से अब तक 58 मरीजों की पुष्टि की जा चुकी है। अगर प्राइवेट हॉस्पिटल के आंकड़ों को शामिल कर लिया जाए तो यह आंकड़ा 100 के पार हो जाएगा। डेंगू, मलेरिया के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राइवेट हॉस्पिटल्स को डेंगू, मलेरिया के मरीजों की सूचना मलेरिया विभाग को देने का निर्देश दिया है।

हर साल आतंक मचाता है डेंगू

सिर्फ दिल्ली एनसीआर में ही नहीं बनारस में डेंगू हर साल अपना रंग दिखाता है। पिछले साल डेंगू ने 650 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया था। इनमें से 323 मरीज कंफर्म किए गए थे। इन सबके बीच डेंगू के अधिकतर मामले सामने ही नहीं आ पाते। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में प्लेटलेट्स सप्लाई होती जरूर है लेकिन मरीज की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी जाती। जिसकी वजह से विभाग के पास डेंगू के मरीजों का सही डाटा सामने नही आ पाता है।

डेंगू के लक्षण

तेज बुखार, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, आंख में दर्द, शरीर पर दाने आदि।

ऐसे करें बचाव

-कूलर में एक सप्ताह से ज्यादा पानी न रहने दें।

-टंकी का पानी रोजाना चेंज करें, टीन के डिब्बे, गमला, फूलदान, खाली बोतल आदि में पानी एकत्र न होने दें।

-घर के आसपास गढ्डे भरे पानी में जला हुआ मोबिल डाल दें।

-सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, फूल बाजू के कपड़े पहनें।

-बुखार होने पर डॉक्टर से संपर्क करें

वैसे तो बारिश के मौसम में मलेरिया के केसेज सामने आते हैं। लेकिन इधर डेंगू के केस भी आ रहे हैं। ऐसे मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विभाग को पूरी तरह एलर्ट किया गया है।

शरत पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी