-दिन में गर्मी और रात को सर्दी से अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या
-वायरल फीवर बढ़ने से अस्पतालों की ओपीडी हुई फुल
मौसम का मिजाज बदल रहा है। सर्दी के बीच गर्मी भी दस्तक दे रही है। दिन में गर्मी और रात में ठंडी का असर लोगों की सेहत को प्रभावित कर रहा है। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गयी है। ज्यादातर को बुखार, बदन दर्द और जुकाम की शिकायत है। मंडलीय व जिला अस्पताल में भी ऐसे ही मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
दोगुनी हुई संख्या
डॉक्टर्स ने इस बदलते मौसम में लोगों को अपने स्वास्थ्य को लेकर खासकर बुजुर्ग और बच्चों को सर्तक रहने की वकालत की है।
मंडलीय हॉस्पिटल में एक सप्ताह से मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। तीन मेडिसिन ओपीडी मिलाकर पहले जहां डेली चार से पांच सौ मरीज पहुंचते थे.अभी इनकी संख्या 700 से 800 तक पहुंच गयी है। इनमें से 70 फीसदी वायरल फीवर से पीडि़त हैं। ऐसी ही हालत जिला अस्पताल की भी है। यहां के सभी तीनों मेडिसिन ओपीडी में रोजाना 500 से 600 मरीजों की जांच हो रही है। इसमें सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग हैं।
बच्चों पर खतरा ज्यादा
मौसमी बीमारी की चपेट में आने से बच्चों को खांसी, जुकाम ज्यादा परेशान कर रहा है। गंभीर रूप से पीडि़त बच्चों को एडमिट भी कराना पड़ रहा है। डॉक्सटर्स की मानें तो चिल्ड्रेन वॉर्ड में आधे से ज्यादा बेड भर चुके हैं। पिछले एक सप्ताह में एक करीब 14 से 15 सौ बच्चों की जांच की गई। इनमें आधे से ज्यादा बच्चे बदलते मौसम के कारण बीमार हुए। मंडलीय हास्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। जेपी गुप्ता बताते हैं कि इन दिनों सर्दी जुकाम से पीडि़त बच्चों की संख्या में इजाफा हो रहा है। वायरल फीवर भी इनकी अपनी चपेट में ले रहा है। करीब 200 मरीजों की ओपीडी में 50 फीसदी से ज्यादा बच्चें वायरल फीवर के शिकार है। वहीं 40 फीसदी के करीब निमोनिया से पीडि़त पाए जा रहे है। बुजुर्गो पर भी मौसम की मार पड़ रही है।
बरतें सावधानी
-इस मौसम में पैरेंट्स को बच्चों की ज्यादा केयर करनी चाहिए।
-गर्मी बढ़ने के साथ ही बच्चों को पूरी तरह से गर्म कपड़ों से दूर न करें।
-समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लेते रहे।
-खान-पान और उन्हें गंदगी वाले जगह से दूर रखने का प्रयास करें।
इधर मौसमी बीमारी के पेशेंट की संख्या लगातार बढ़ रही है। ओपीडी में आम दिनों की तुलना में अब मरीजों की संख्या डबल हो गई है।
डॉ। एसके सिंह, वरिष्ठ फिजिशियन, मंडलीय हॉस्पिटल
बदलता मौसम बच्चों के लिए घातक साबित हो सकता है। इसलिए बच्चों को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। पैरेंट्स खुद को राहत देने के लिए बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ न करें।
डॉ। जेपी गुप्ता, बाल रोग विशेषज्ञ, मंडलीय हास्पिटल
एक नजर
800
मरीज पहुंच रहे मंडलीय हॉस्पिटल के ओपीडी में
200
मरीज हर रोज पहुंच रहे डीडीयू
50
फीसदी बच्चे होते हैं हॉस्पिटल की ओपीडी में वायरल फीवर से पीडि़त
30
फीसदी को निमोनिया का प्रभाव