शहर में डेंगू बरपा रहा कहर

-डीडीयू व एसएसपीजी हॉस्पिटल में डेंगू के पहुंचे सबसे ज्यादा केस

-मलेरिया विभाग ने 132 मरीजों में की डेंगू की पुष्टि, 50 से ज्यादा संदिग्ध

-प्लेटलेट्स के लिए आईएमए व सरकारी ब्लड बैंक में बढ़ी भीड़

बनारस में डेंगू अब कहर बरपा रहा है। इन दिनों शहर में ऐसा कोई अस्पताल नहीं है, जहां डेंगू के मरीज इलाज के लिए न पहुंच रहे हो। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में अब तक 132 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इसके साथ ही मलेरिया के मरीजों की संख्या भी 200 के करीब पहुंच चुकी है। डीडीयू हॉस्पिटल में पिछले दो माह में 50 से भी ज्यादा डेंगू के केस पहुंचे हैं। वहीं एसएसपीजी हॉस्पिटल में पहुंचे मरीजों में से 25 में डेंगू होने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा प्राइवेट व एसएस हॉस्पिटल बीएचयू में भी डेंगू के मामले आ रहे हैं।

हर किसी को लग रहा डेंगू का डंक

अधिकारियों की मानें तो अब तक जिन 132 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। उनमें ज्यादातर धौरहरा, पांडेयपुर, लालपुर, अलईपुर आदि क्षेत्र के हैं। वहीं डेंगू के लगातार बढ़ते संदिग्ध मरीजों के चलते हॉस्पिटल में भीड़ बढ़ती जा रही है। मंडलीय व डीडीयू हॉस्पिटल में बना डेंगू और आईसोलेशन वार्ड मरीजों से फुल है। डीडीयू में मरीजों को चार-चार बेड के तीन अलग-अलग वॉर्ड में एडमिट किया जा रहा है।

प्लेटलेट्स की बढ़ी डिमांड

डेंगू मरीजों की बढ़ी संख्या के चलते प्लेटलेट्स की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। सरकारी ब्लड बैंक में जहां 15 से 20 यूनिट प्लेट्स का स्टॉक हर वक्त रखा जा रहा है। वहीं आईएमए में डोनर को ब्लड डोनेट करने के बाद ही प्लेटलेट्स मिल रही है। आईएमए अधिकारी चिकित्सकों से अपील कर रहे हैं कि डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स कम हो तभी उसका इस्तेमाल करें। वहीं एसएसपीजी हॉस्पिटल के ब्लड बैंक के इंचार्ज ने कहा कि चिकित्सक 50 हजार से कम पर ही प्लेटलेट्स चढ़ा रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में इसकी कमी भी हो सकती है।

क्या होता है प्लेटलेट्स?

आम तौर पर हेल्दी व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं। प्लेटलेट्स बॉडी की ब्लीडिंग रोकती हैं। अगर ये एक लाख से कम हो जाएं तो उसकी वजह डेंगू हो सकता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि जिसे डेंगू हो, उसकी प्लेटलेट्स नीचे ही जाएं। अगर प्लेटलेट्स गिरकर 20 हजार तक या उससे नीचे पहुंच जाएं तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। 40-50 हजार प्लेटलेट्स तक ब्लीडिंग नहीं होती।

बरतें एहतियात

-ठंडा पानी न पीएं, मैदा और बासी खाना न खाएं।

-खाने में हल्दी, अजवाइन, अदरक, हींग का ज्यादा इस्तेमाल करें।

-इस मौसम में पत्ते वाली सब्जियां, अरबी, फूलगोभी न खाएं।

-पूरी नींद लें, पानी को उबालकर पीएं।

-मिर्च मसाले और तला हुआ खाना न खाएं, भूख से कम खाएं, पेट भर न खाएं।

क्या करें

-खाने में हल्दी का इस्तेमाल ज्यादा करें।

-आठ-दस तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर लें।

-विटामिन सी से भरपूर चीजों का ज्यादा सेवन करें।

-कूलर में एक सप्ताह से ज्यादा होने पर पानी चेंज करें।

-कहीं भी पानी इकट्ठा होने न दें।

-छत पर या किसी खूले स्थान पर जहां भी बारिश का या अन्य पानी हो उसे खाली कर दें।

एक नजर

132

डेंगू के कुल केस आए है जिले में

1000

से ज्यादा डेंगू के संदिग्ध केस मिले हैं पिछले तीन माह में

200

केस मलेरिया के आ चुके हैं पिछले तीन माह में

22,294

घरों में हुई लार्वा की जांच

39

घरों में मिला लार्वा

200

यूनिट प्लेटलेट्स आईएमए ब्लड बैंक में

20

यूनिट प्लेटलेट्स एसएसपीजी ब्लड बैंक में

वर्जन--

डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसको लेकर विभाग फिक्रमंद है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बचाव के लिए लेकर दवा का छिड़काव व फॉगिंग कराई जा रही है।

शरत पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी

इधर 50 फीसदी से ज्यादा प्लेटलेट्स की डिमांड बढ़ी है। इसकी सबसे बड़ी वजह 50 हजार से नीचे जाने पर ही डॉक्टर इसकी डिमांड कर दे रहे हैं। हालांकि यहां हर किसी की आवश्यकता पूरी की जा रही है।

डॉ। मनीषा सिंह, सचिव आईएमए