आगरा। सरकार देश को कुपोषण से मुक्त करने पर काम कर रही है। लेकिन देश तब तक कुपोषण से मुक्त नहीं होगा जब तक हमारे देश की बेटियां सशक्त नहीं होंगी। इसके लिए उनका पढ़ा-लिखा होना भी जरूरी है। आज की युवा पीढ़ी से उम्मीद है कि वे कुपोषण के खिलाफ संकल्प लें और देश को स्वस्थ बनाने में अपनी भूमिका निभाएं। ये कहना है राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का। शुक्रवार को डॉ। भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय के 85वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुपोषण मुक्त भारत के लिए जरूरी संदेश दिए। उन्होंने खुशी जताई कि बेटियां आगे बढ़ रही हैं। शिक्षा में गोल्ड मेडल हासिल कर रही हैं।

हर बेटी को स्वस्थ्य बनाने का है संकल्प

राज्यपाल आनंदी बेन ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व बालिका दिवस मना रहा है। आज के इस दिन पर विवि में 650 छात्र-छात्राओं के हीमोग्लोबिन चैक कराया गया है, जिसमें 10 फीसदी से ज्यादा छात्राओं के भीतर हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई है। इसके लिए लोगो को प्रयास करना चाहिए कि कोई भी स्त्री कुपोषित नही हो। जब तक गर्भवती स्त्री शक्त नही होंगी तब तक कुपोषण नही दूर होगा। 650 में से 140 छात्राएं हीमोग्लोबिन की कमी से जूझ रही हैं। इसके लिए काम करना होगा।