19 मार्च के बाद से अब तक सुने जा रहे थे प्रॉयोरिटी के आधार पर केस

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19 मार्च से ठप चल रही इलाहाबाद हाई कोर्ट में ओपन कोर्ट में सुनवाई की व्यवस्था सोमवार से फिर पटरी पर आ जायेगी। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन और फिर लगातार बढ़ रहे खतरे को देखते हुए कोर्ट प्रिमाइस में प्रवेश के लिए नियम कानून तय कर दिये गये हैं। शुरुआत नए मुकदमो की सुनवाई से होगी और स्थितियां सामान्य होने के साथ ही इसका दायरा बढ़ता जायेगा। शनिवार को पूरा कैंपस सेनेटाइज कराया गया। निबंधक शिष्टाचार आशीष कुमार श्रीवास्तव ने सभी अधिवक्ताओं से न्यायालय प्रशासन में सहयोग मांगा है।

यह रहेगी व्यवस्था

प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से होगी

स्वस्थ वकीलों व स्टॉफ को ही कोर्ट कैंपस में प्रवेश मिलेगा

वकीलों का प्रवेश ई-पास के जरिए ही होगा।

शुरुआती दौर में नये मुकदमों की ही सुनवाई होगी

स्थिति में सुधार होने पर सुनवाई का दायरा बढ़ाया जाएगा

चैलेंज होगा सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना

बुधवार 3 जून से फोटो आईडेंटीफिकेशन सेंटर शुरू हो गया। नये मुकदमो की फाइलिंग शुरू हो गयी। इसके चलते बड़ी संख्या में अधिवक्ता हाई कोर्ट पहुंच गये। शुक्रवार को भी जिस तरह से भीड़ दिखी, उससे आठ जून को अनावश्यक रूप से परिसर के बाहर भीड़ बढ़ने का अंदेशा होने से न्यायालय प्रशासन की बेचैनी बढ़ गयी है। एल्डर कमेटी के चेयरमैन वरिष्ठ अधिवक्ता वीसी मिश्र, सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता एनसी राजवंशी व पूर्व अध्यक्ष आरके ओझा, वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी, अधिवक्ता समन्वय समिति के अध्यक्ष बीएन सिंह, निर्वाचित अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह, महासचिव प्रभाशंकर मिश्र, जेबी सिंह पूर्व अपर महाधिवक्ता कमल सिंह यादव सहित तमाम अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन के सदस्यों से अपील की है कि बिना काम के वकील हाईकोर्ट न जाएं। आसपास की खाने-पीने की दुकानें बंद रखी जाय और अधिवक्ता स्वयं शारीरिक दूरी बनाये रखें, ताकि कोरोना महामारी से जूझते हुए वादकारियों को न्याय दिलाने के दायित्व निभाने की प्रक्रिया चलायी जा सके।