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छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: लौहनगरी में आसमान से आग बरस रही है. मंगलवार को शहर का मैक्सिमम टेंपरेचर 41 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. शरीर जलाने देने वाली धूप की वजह से सुबह 10 बजे के बाद सड़कें सूनसान हो रही हैं. चिलचिलाती धूप से बीमार होकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं. लौहनगरी में मंगलवार को करीब दो दर्जन पेशेंट्स हीट स्ट्रोक की चपेट में आकर अस्पताल पहुंचे. इनमें अधिक राहगीर शामिल थे. गर्म हवाओं के थपेड़ों ने राहगीरों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. कोल्हान के सबसे बड़े गर्वमेंट हॉस्पिटल एमजीएम में हीट स्ट्रोक के 10 मरीज पहुंचे. वहीं टीएमएच में चार, मेडिका में तीन, मर्सी में पांच सहित अन्य अस्पताल में भी मरीज पहुंचे. बच्चे, बूढ़े और महिलाएं सभी गर्मी की मार से बेहाल है. भीषण तपन के चलते लोगों का घरों से निकलना ही मुश्किल हो गया है.

एमजीएम में इमरजेंसी फुल

भीषण गर्मी के कारण महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल के ओपीडी फूल हैं. मौसम बदलने के कारण एमजीएम में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. डॉक्टरों ने बताया कि गर्मी के कारण वायरल फीवर, लू, उल्टी, दस्त, से ग्रसित होकर मरीज एमजीएम आ रहे हैं. इमरजेंसी में बेड की कमी होने के कारण कुर्सी एवं स्टेचर पर मरीजों को लिटा कर स्लाइन चढ़ाया जा रहा है.

लू से गई मासूम की जान

अप्रैल में ही ऐसी भीषण गर्मी के कारण एक मासूम की जान लू लगने से चले गई. लू लगने से बारीडीह हाई स्कूल के 9वीं के छात्र की मौत हो गई. विगत 12 अप्रैल को स्कूल से घर जाते वक्त वह लू की चपेट में आ गया था. स्कूल से घर आकर उसने स्नान कर लिया. 13 अप्रैल को उसे बुखार हो गया. पेरेंट्स लगा कि अभिषेक को हल्का बुखार है. 17 अप्रैल को उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी और उसकी मौत हो गई.

दिनचर्या में करें बदलाव

डॉक्टरों का कहना है जिस तरह से गर्मी बढ़ी है, उसके अनुसार लोगों को अपनी दिनचर्या में बदलाव करने की जरूरत है. कोशिश करें कि सुबह 10 बजे से पहले ही अधिकांश काम कर लें, ताकि तेज धूप से बच सकें. घर से बाहर निकलने से पहले खूब पानी पी लें. लू व डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खान-पान पर ध्यान देते हुए विटामिन सी वाले पेय पदार्थ का उपयोग करें.

बढ़ जाता है चर्म रोग

गर्मी के मौसम में चर्म रोग भी तेजी से बढ़ी है. इसमें फंगल इंफेक्शन, सन बर्न, सन टैग, सन एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है. तेज गर्मी में त्वचा बेजान हो जाती है. चर्म में सबसे अधिक फंगल इंफेक्शन के मरीज मिल रहे हैं.

हीट स्ट्रोक के लक्षण

- सिर में भारीपन और सिरदर्द- अधिक प्यास लगना और शरीर में भारीपन के साथ थकावट

-शरीर का तापमान बढ़ना, जी मचलना और सिर चकराना.

-पसीना आना बंद हो जाना.

-मुंह का लाल हो जाना और त्वचा का सूखा होना.

-अत्यधिक प्यास लगना, बेहोशी जैसी स्थिति होना या बेहोश होना.

ऐसे करें इलाज

-लू और सन स्ट्रोक के मरीज तुरंत छायादार ठंडे स्थान पर लिटा दें.

-त्वचा को गीले कपड़े से स्पंज करते रहें. रोगी के कपड़े को ढीला कर दें.

- होश में आने पर ठंडा पेय पदार्थ दें.

-इलाज के लिए तत्काल नजदीकी हॉस्पिटल ले जाएं.

करें ये उपाय

-अपने काम दिन के ठंडे समय में, सुबह या शाम में करने की कोशिश करें.

-सूरज के डायरेक्ट एक्सपोजर से बचें. अगर बाहर जाना हो तो साथ में हल्के रंग का छाता, टोपी या खुद को कवर करने के लिए स्कार्फ साथ में रखें.

- लूज फिटिंग और हल्के कलर का कपड़ा पहनें. सिंथेटिक कपड़ों के बजाय कॉटन का इस्तेमाल करें.

-ज्यादा गर्मी लगे तो अपने चेहरे को भीगे वाइप्स या गीले कपड़े से ठंडा करें.

- तापमान को कम करने के लिए ठंडे पानी से नहाएं.

-तापमान में अचानक से आने वाले बदलाव से बचें. एयर कंडिशनर से डायरेक्ट हीट में ना जाएं.

-अगर आप फिल्ड वर्क करते हैं, तो समय-समय पर किसी छायादार या ठंडे एरिया में आराम करें.

- सनग्लासेज का इस्तेमाल करें. ये आंखों को तेज रोशनी से बचाते हैं.

-तरबूज, आम, चुकंदर, ककड़ी, पाइनएप्पल, संतरा, अंगूर, पालक, लेट्यूस, ब्रोकली जैसे हाई वाटर कंटेंट वाले फल और सब्जियों का सेवन करें.

-पर्याप्त मात्रा में पानी, नींबू-पानी, लस्सी या छाछ, वुड एप्पल स्क्वैश, जल - जीरा, आम पन्ना, बटर मिल्क, नारियल पानी आदि का सेवन करें.

( डॉक्टर से बातचीत पर आधारित )

लू लगने पर शरीर में पोटैशियम, सोडियम जैसे साल्ट्स और पानी की कमी हो जाती है. इसलिए लू व डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खान-पान पर ध्यान देते हुए विटामिन सी वाले पेय पदार्थ का उपयोग करें.

डॉक्टर अनुकरण पूर्ति, एमजीएम अस्पताल