देहरादून

उत्तरकाशी में भारी बारिश से आई आपदा में बचाव व राहत कार्य में जुटा एक और हैलीकॉप्टर फ्राइडे को क्रैश हो गया। राहत कार्य के दौरान तीन दिन में यह दूसरा क्रैश हुआ है। हालांकि इस हादसे में पायलट और साथी को मामूली चोटें आई और हेलीकॉप्टर भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने से बच गया। हादसे की वजह इस बार भी पहाड़ों के बीच लोडिंग ट्रॉली के लिए बांधा गया वायर ही बताया जा रहा है। दूसरे हादसे की जांच के लिए भी दिल्ली से डीजीसीए की टीम देहरादून पहुंच गई है, सैटरडे को मौके पर जाएगी। हादसे में घायल पायलट की हालत ठीक बताई जा रही है।

हेलीकॉप्टर हादसा उत्तरकाशी के मोरी तहसील में ही आराकोट के पास में चिंवा के पास हुआ। आर्यन हेली कंपनी का हेलीकॉप्टर आपदा प्रभावित गांवों में राहत सामग्री के पैकट ड्राप कर रहा था। दो उड़ान भरकर पैकेट ड्राप कर चुका था। करीब डेढ़ बजे तीसरी उड़ान के समय करीब 5000 फीट हाइट पर पहाड़ों के बीच एप्पल कार्ट के लिए बांधे गए वायर से हेलीकॉप्टर के ब्लेड टकरा गए। हेलीकॉप्टर अनबैलेंस हुआ, पायलट एसके जाना ने काफी सूझबूझ कर परिचय देते हुए बैलेंस कर हैली करीब 10 मिनट की मशक्कत के बाद पेडों से बचाते हुए नदी में ग्राउंड लेवल के काफी करीब ले आए। प्लेन एरिया नहीं होने के कारण पत्थरों के बीच गिर गया। अचानक झटका लगा, जिससे पायलट को आंख के उपर चोट आई, काफी ब्लड बह गया।

पायलट घायल इंजीनियर सलामत:

हादसे में हेलकॉप्टर के पायलट कैप्टन एस के जाना को आंख के ऊपर काफी चोट आई। हेली इंजीनियर अजीत सिंह सेफ हैं। एरिया में तैनात दो पुलिस कांस्टेबल ने हादसों को सबसे पहले देखा और सीनियर ऑफिसर्स को बताया। कुछ ही देर में एसडीआरएफ,एनडीआरएफ और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। घायल पायलट को एनडीआरएफ के जवान पीठ पर लादकर नदी की घाटी से मोरी तक लाए। इस बीच सरकार का हेलीकॉप्टर मोरी पहुंच गया। मोरी से दोनों को देहरादून लाया गया। देहरादून में पहले मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। कैप्टन जीना के आंख पर गहरी चोट है। मैक्स हॉस्पिटल ने हायर सेंटर रेफर कर दिया। ऐसे में शाम को उन्हें जौलीग्रांट हिमालयन हास्पिटल में भर्ती किया गया। आई स्पेशलिस्ट की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है।

कंपनी ने मना किया,अफसरों ने जबरन भेजा:

मामले में चर्चा है कि उत्तराकाशी के आपदा प्रभावित एरिया में जगह जगह एप्पल कार्ट के लिए वायर बंधे होने के कारण हादसे की आशंका के चलते निजि कंपनियों ने हेलीकॉप्टर उड़ाने से मना कर दिया था। फ्राइडे को दो प्रेग्नेंट महिलाओं को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए आपदा प्रबंधन टीम ने हेली की डिमांड की, तो अफसरों ने निजि कंपनियों पर दबाव बनाया। अफसरों के दबाव के आगे आर्यन कंपनी को अपना हेली भेजना पड़ा। प्रेग्नेंट लेडी को पहले ही सरकारी हेली से अस्पताल पहुंचा दिया गया था,ऐसे में निजि कंपनी के हेली को राहत सामग्री बांटने में लगा दिया। जो हेली क्रैश हुआ वह दो बार राहत सामग्री के पैकेट डालकर आ चुका था। तीसरे राउंट में क्रैश हो गया।

सीएम ने मना किया, फिर भी अफसरों ने भेजा हेली:

आपदा प्रभावित क्षेत्र में शुरूआती दो दिन सरकार ने हेली के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। वेडनसडे को एक हेलीकॉप्टर क्रैश में पायलट,इंजीनियर और स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि बिना जरूरत हेलीकॉप्टर नहीं उड़ाया जाए। इसके बावजूद अफसर आपदा प्रभावित क्षेत्र में लगातार निजि कंपनियों के हेलीकॉप्टर उड़ा रहे थे। तीसरे दिन हादसे के बाद घायल पायलट को सरकारी हेलीकॉप्टर से दून लाया गया। इसके बाद एरिया में हेली सेवा रोक दी गई।