- सुधारने थे महिलाओं के हालात, अपने ही बिगड़ गए

यह भी जानें

2016 मार्च में जारी किया गया था हेल्पलाइन नंबर

-24 घंटे हेल्प का दावा

4-6 कॉल्स हेल्प के लिए आती थीं पहले

1-2 कॉल्स आ रही हैं अब कभी-कभी

2-4 कॉल्स वीकली आती थीं सहालग में चाइल्ड मैरिज की

1 रेस्क्यू वैन रहती थी परमानेंट आशा ज्योति केन्द्र पर

केस 1: हेल्प मांगी तो टरका दिया

शहर के काशीराम कॉलोनी में रहने वाली सुमन ने पांच दिन पहले 181 पर कॉल की। उनके हसबैंड उन्हें मारते-पीटते थे। कॉल उठाने वाले को सुमन ने ये प्रॉब्लम बताई, तो बताया गया कि उनकी हेल्प नहीं कर सकती, पुलिस या 112 पर कॉल करें। सुमन ने 112 पर कॉल की, तो पुलिस पति को समझाकर चली गई। पति की उससे मारपीट अब भी जारी है।

केस 2: पुलिस को कॉल ट्रांसफर

बीडीए कॉलोनी की एक महिला ने पति की प्रताड़ना से तंग आकर 181 पर कॉल की। 181 की टीम उसके पास नहीं पहुंची, लेकिन काफी देर बाद पुलिस की कॉल आई कि प्रॉब्लम क्या है और कौन परेशान कर रहा है। समाज के डर से महिला ने पुलिस को घर आने से मना कर दिया। वह चाहती थी 181 पर कॉल के बाद काउंसिलिंग टीम घर आए और सॉल्यूशन निकाले, ताकि घर की बात घर में रहे।

कॉमन इंट्रो: यह दो केस बानगी भर हैं। डेली न जानें कितनी महिलाएं हेल्प के लिए टोल फ्री नंबर 181 पर कॉल कर रही हैं, लेकिन उन्हें हेल्प नहीं मिल रही है। असल में महिलाओं की हेल्प के लिए शुरू किया गया 181 नंबर ही हेल्पलेस हो गया है। 181 पर आने वाली कॉल पुलिस के पास ट्रांसफर हो रही हैं, जिससे महिलाओं की प्रॉब्लम्स कम होने की बजाय बढ़ रही हैं।

इसलिए बंद है हेल्प

शहर के आशा ज्योति केन्द्र को महिलाओं की हेल्प के लिए एक रेस्क्यू वैन दी गई थी। किसी भी पीडि़त महिला की कॉल पर रेस्क्यू वैन से टीम उसके घर जाती थी और काउंसिलिंग के जरिए घर में ही प्रॉब्लम का सॉल्यूशन देती थी। लेकिन अब रेस्क्यू वैन न होने से टीम कहीं भी हेल्प के लिए नहीं जा रही है।

रेस्क्यू वैन का इंतजार

रेस्क्यू वैन के लिए जिस कंपनी से टेंडर किया गया था, उसको छह महीने से भुगतान नहीं किया गया, इसलिए कंपनी ने रेस्क्यू वैन वापस मंगा ली। छह महीने बाद भी रेस्क्यू वैन सेंटर को वापस नहीं मिली है।

रिपोर्टिग चौकी पर ताला

शहर के खुर्रम गौटिया स्थित आशा ज्योति केन्द्र पर रिपोर्टिग चौकी बनी है, लेकिन संडे को वहां ताला लगा मिला। इस वजह से एक महिला भी मायूस लौट गई। हालांकि महिला हेल्पलाइन सेंटर पर पीडि़ताओं की 24 घंटे हेल्प का दावा है। उनके ठहरने की भी व्यवस्था है। लेकिन हकीकत इससे उलट है।

हेल्पलाइन का वर्क

हेल्पलाइन नंबर 181 के जरिए महिलाओं और बच्चों को काउंसिलिंग, तत्काल पुलिस हेल्प, लीगल सपोर्ट और मेडिकल फैसिलिटीज दी जानी होती हैं।

रेस्क्यू वैन काफी समय से बंद है, ऐसे में जो शिकायत आती है, वह संबंधित पुलिस थाने या किसी तरह जाकर उसका सॉल्यूशन किया जाता है। लेकिन बिना रेस्क्यू वैन के हर जगह जाना मुश्किल होता है।

प्रिंसी सक्सेना, आशा ज्योति केन्द्र प्रभारी इंचार्ज