ये सभी बच्चे पाँच साल से कम आयु के हैं. इन  बच्चों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. रविवार देर रात इन सभी बच्चों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

अभिभावकों का हंगामा

रविवार को हुगली जिले के गोघाट में पल्स पोलियो अभियान के तहत बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाई गई थी.

दवा पीते ही कुछ  बच्चों की तबियत बिगड़ने लगी. यह देखकर उनके अभिभावकों ने हंगामा कर दिया.

इसके बाद हुई जाँच में पता चला कि बच्चों को पोलियो की जगह हेपेटाइटिस-बी की दवा पिलाई गई है.

इसके बाद करीब 80 पीड़ित बच्चों को अस्पताल में दाखिल कराया गया. जहाँ से कुछ को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी से दी गई.

इस घटना से नाराज़ लोगों ने प्रदर्शन किया. इसे देखते हुए सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के पाँच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया.

जिन लोगों को विभाग ने निलंबित किया है, उनमें स्वास्थ्य सहायक मायना पात्रो भी शामिल हैं.

पात्रो ने इस मामले में अपनी गलती मान ली है. उनका कहना है कि वैक्सीन लाने की जिम्मेदारी उन्होंने अपने सहायकों को दी थी, जो गलती से पोलियो की जगह हेपेटाइटिस-बी की वैक्सीन ले आए.

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि हेपेटाइटिस के वैक्सीन लेने के बाद आमतौर पर पेट में गड़बड़ी हो जाती है. इसमें ज़्यादा घबराने वाली बात नहीं है.

सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

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