कितना ताकतवर - कितना कमजोर
भूकंप को सिसमोग्राफ से नापा जाता है। इसकी तीव्रता मैग्नीट्यूड मे होती है, जैसे कि अगर 5.5 से 6.5 में भले ही एक प्वॉइंट का अंतर होता हो लेकिन यह तबाही 10 गुना ज्यादा कर सकता है। आइए जानें कैसे किया जाता है अंतर...
Great: यह 8.0 की तीव्रता का भूकंप होता है, जो बहुत बड़ी तबाही मचा सकता है।
Major: मैग्नीट्यूड की रेंज अगर 7.0 से 7.9 तक है, तो यह मेजर भूकंप कहलाता है। इससे भी भारी जान-माल की हानि होती है।
Strong: 6.0 से 6.9 तीव्रता का स्ट्रांग भूकंप कहा जाता है। यह बड़ी इमारतों को गिराने के लिए काफी है।
Moderate: यह 5.0 से 5.9 मैग्नीट्यूड का भूकंप होता है। इससे भी काफी नुकसान हो सकता है।
Light: 4.9 से नीचे के भूकंप काफी हल्के होते हैं। इनसे ज्यादा नुकसान तो नहीं पहुंचतस लेकिन इमारतें या मकान हिलने जरूर लगते हैं।
भारत में कहां - कितना है खतरा
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने 1935 में एक सेसिमिक जोन मैप पब्िलश किया था। हालांकि बाद में इसमें कुछ बदलाव करते हुए यह बाद में रिलीज होता रहा है। इस जोन मैप को चार भागों में डिवाइड किया गया है। जोन 2, जोन 3, जोन 4 और जोन 5....जो सबसे ज्यादा जोन में है वह उतना ही असुरक्षित है।
जोन -2 : इसके अंतर्गत जितने भी क्षेत्र आते हैं वहां भूकंप का खतरा बहुत कम रहता है।
जोन -3 : यह क्षेत्र मॉडरेट सेसमिक जोन में आता है, यानी कि यहां पर भूकंप आने की संभावना ज्यादा रहती है।
जोन -4 : यह हाई सेसमिक जोन में आता है, जहां भूकंप का खतरा हर समय बना रहता है।
जोन -5 : यह देश का सबसे असुरक्षित इलाका माना जाता है। जोन -5 में आने वाले सभी क्षेत्र भूकंप के साये में रहते हैं।
inextlive from Spark-Bites Desk
Interesting News inextlive from Interesting News Desk