कानपुर (इंटरनेट डेस्‍क)। दाएं हाथ के पूर्व साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज हर्शल गिब्स को क्रिकेट ज्यादा पसंद नहीं था। स्कूल स्तर पर वह रग्बी और फुटबॉल के अच्छे खिलाड़ी माने जाते थे। बाद में किसी की सलाह पर उन्होंने क्रिकेट पर ध्यान देना शुरु किया। इसके बाद जो उन्होंने क्रिकेट खेला वह दुनिया के सामने है। 21वीं शताब्दी की शुरुआत में अफ्रीकी टीम में गिब्स से धुरंधर कोई बल्लेबाज नहीं था। गिब्स को सामने बैटिंग करता देख गेंदबाज काफी घबराते थे। साल 1996 में भारत के खिलाफ अपने अंतरर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले हर्शल गिब्स ने कुल 90 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 41.95 की औसत से 6167 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 14 शतक और 26 अर्धशतक निकले। वहीं एकदिवसीय मैचों की बात करें तो उनके नाम 248 मैचों में 36.13 की औसत से 8094 रन दर्ज हैं। वनडे में उन्होंने 21 शतक और 37 अर्धशतक भी जड़े हैं। गिब्स ने 23 टी-20 मैच भी खेले जिसमें उन्होंने 400 रन बनाए।

175 रनों की आतिशी पारी के लिए किया जाता है याद
हर्शल गिब्स को उनकी तेजतर्रार पारी के लिए याद किया जाता रहा है। 12 मार्च 2006 को ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच ऐसा ही एक ऐतिहासिक वनडे खेला गया जिसमें रनों की खूब बारिश हुई। उस वक्त 300 और 350 का स्कोर काफी बड़ा माना जाता था, मगर ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए 433 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया था। उस वक्त 50 ओवर में इतना बड़ा स्कोर किसी टीम ने नहीं बनाया था। सभी को लगा कि साउथ अफ्रीका यह मैच आसानी से हार जाएगी। परंतु जब हर्शल गिब्स मैदान पर उतरे तो उन्होंने ऐसी आतिशी पारी खेली कि कंगारुओं के मुंह से जीत छीन ली। गिब्स ने इस पारी में 111 गेंदों में 175 रन ठोंककर अफ्रीकी टीम को जीत दिला दी।

नशे की हालत में बनाए थे रन
हर्शल गिब्स ने उस मैच में 175 रन नशे की हालत में बनाए थे। गिब्स ने अपनी ऑटोबॉयोग्राफी 'टू द प्वॉइंट : द नो होल्ड्स-बार्ड ऑटोबॉयोग्राफी' में इस बात का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि उस मैच से ठीक एक रात पहले उन्होंने जमकर शराब पी थी। नशा इतना चढ़ा कि मैच वाले दिन भी वह हैंगओवर में थे। यही वजह है कि उन्होंने इतने रन बना दिए।

वनडे में 6 गेंदों में 6 छक्के लगाने वाले खिलाड़ी
इंटरनेशनल वनडे क्रिकेट में छह बॉल पर छह छक्के लगाने वाले हर्शल गिब्स दुनिया के पहले बल्‍लेबाज हैं। उन्होंने यह कारनामा 2007 वर्ल्ड कप में नीदरलैंड के गेंदबाज वान बुगें के एक ओवर की सभी गेंदों पर छक्के जड़कर किया था। बुगें ने इसके बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।

मैच फिक्सिंग ने खत्म किया था करियर
हर्शल गिब्स जितने महान खिलाड़ी थे उनके करियर का अंत उतना ही खराब हुआ। 2000 में उन्होंने तत्कालीन कप्तान हैंसी क्रोनिए के कहने पर मैच फिक्सिंग की थी। इस बात का खुलासा गिब्स ने अपनी किताब में किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि 1996 में भारत दौरे पर भी हैंसी ने मैच फिक्सिंग की पेशकश की थी। फिक्सिंग के लिए गिब्स पर लाइफ बैन लगा था।

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