25 नवम्बर को मतदाता सूची होगी जारी, 27 नवंबर से नामांकन

कोर्ट ने सोसल मीडिया पर सदस्यों के खिलाफ अभद्र भाषा प्रयोग पर लगाया प्रतिबंध

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन का चुनाव एक बार फिर टल गया है। अब चुनाव की प्रक्रिया 25 नवंबर से शुरू होगी। मतदान 14 दिसंबर को होगा और मतगणना 15 दिसंबर को शाम पांच बजे से शुरू होगी। इसी दिन देर शाम से मतों की गिनती का काम शुरू हो जाएगा। काउंटिंग पूरी होने के साथ ही चुनाव परिणाम जारी किए जाएंगे।

तीन दिनो तक चलेगा नामांकन

25 नवम्बर को मतदाता सूची प्रकाशन के बाद 27 से 29 नवम्बर तक नामांकन भरे जाएंगे और 4 दिसम्बर को चुनाव प्रत्याशियों की सूची जारी होगी। बार एसोसिएशन चुनाव मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस तरुण अग्रवाल, दिलीप गुप्ता तथा कृष्ण मुरारी की पूर्ण पीठ ने पहले घोषित चुनाव कार्यक्रम में परिवर्तन करते हुए यह आदेश दिया है। पूर्णपीठ ने सात सदस्यीय वरिष्ठ अधिवक्ताओं की अन्तरिम कमेटी को चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है तथा वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मपाल सिंह को मुख्य निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है। इनकी सहमति से कमेटी अन्य सहायक चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति करेगी। कोर्ट ने कमेटी के सदस्यों व मुख्य चुनाव अधिकारी के खिलाफ फेसबुक, वाट्सएप या टिवटर पर अपमानजनक टिप्पणी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है और कहा है जो भी सदस्य ऐसा करेगा कोर्ट उसके विरुद्ध कार्यवाही करेगी।

तस हुई सीनियारिटी

कोर्ट ने चुनाव में विभिन्न पदों के लिए वकालत अनुभव अवधि के लिए बार एसोसिएशन की सदस्यता को ही आधार तय किया है

अभी तक बार कौंसिल के पंजीकरण तिथि को वकालत अनुभव माना जाता था। केार्ट ने कहा कि 31 अगस्त तक बार का शुल्क जमा करने वाले वन बार वन वोट का संकल्प पत्र भरने वाले 10508 सदस्यों को ही शामिल किया जायेगा

जिस सदस्य ने 31 अगस्त तक शुल्क जमा नहीं किया है उसे मतदात करने या चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं होगी

अधिवक्ता की अर्जी निरस्त

कोर्ट ने अधिवक्ता विक्रांत पांडेय की अर्जी को निस्तारित करते हुए यह फैसला दिया है। मालूम हो कि अन्तरिम कमेटी के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रविकान्त व सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता सतीस त्रिवेदी ने इस्तीफा दे दिया था। कुछ सदस्यों के अभद्र व्यवहार के चलते चुनाव कराने में असमर्थता प्रकट की थी किन्तु कोर्ट ने पुन: अन्तरिम कमेटी को चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। घनश्याम दूबे व अन्य की जनहित याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्तागण वीसी मिश्र, पीवी श्रीवास्तव, अधिवक्ता डीएस मिश्र, अनिल तिवारी अध्यक्ष, आईके चतुर्वेदी, सुधीर दीक्षित, डा.एके द्विवेदी, मनु शर्मा, एके ओझा, धनंजय कुमार, राजीव शुक्ला, जेबी सिंह, अशोक सिंह व वरिष्ठ अधिवक्ता रविकान्त व वरिष्ठ अधिवक्ता सतीस त्रिवेदी व अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव ने बहस की।

तीन साल के अनुभव पर ही कर सकेंगे मतदान

कोर्ट ने कहा कि बार एसोसिएशन बाईलाज के अनुसार सदस्यता ग्रहण करने से तीन साल तक सदस्य को मताधिकार व चुनाव लड़ने की छूट नहीं है। ऐसे में चुनाव लड़ने के लिए विभिन्न पदों के लिए अनुभव वर्ष की गणना बार कौंसिल में पंजीकरण के बजाय बार एसोसिएशन की सदस्यता वर्ष से गिना जाना चाहिए। इस मुद्दे पर उप निबन्धक सोसायटी पंजीकरण के समक्ष संशोधन लंबित है। कोर्ट ने कहा है कि इस वर्ष के चुनाव में बार एसोसिएशन की सदस्यता की अवधि ही अनुभव के रूप में मानी जायेगी। भविष्य के चुनावों पर बाद में विचार किया जायेगा।

25

साल, अध्यक्ष पद के लिए प्रैक्टिस जरूरी

20

साल प्रैक्टिस पर ही महामंत्री पद के लिए अर्ह

15

साल की वकालत उपाध्यक्ष बनने के लिए अनिवार्य

10

साल प्रैक्टिस कर चुके लोग ही लड़ सकेंगे संयुक्त सचिव का चुनाव

अनुभव बार की सदस्यता लेने की तिथि से देखा जायेगा। इस आदेश के बाने के बाद कई प्रत्याशी चुनावी मुहिम से अलग हो जायेंगे।

शरद चन्द्र मिश्र

अध्यक्ष, आदर्श अधिवक्ता संघ

हाईकोर्ट में सरकारी वकील विभागीय वकील बनाने के लिए भी बार की सदस्यता को अनुभव माना जाय।

एनके चटर्जी

उपाध्यक्ष, आदर्श अधिवक्ता संघ