जमानत निरस्त, गिरफ्तार कर जेल भेजने का निर्देश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने झांसी के बरुआ सागर थाना क्षेत्र में बालू खनन ठेका विवाद में 26 सितम्बर 93 को सुनील सिंह की गोली मारकर हुई हत्या के लिए 8 आरोपियों को दोषी करार दिया है और सत्र न्यायालय द्वारा इन्हें सुनाई गयी आजीवन कारावास की सजा की पुष्टि करते हुए बहाल रखी है। कोर्ट ने सीजेएम झांसी को निर्देश दिया है कि वह सुनवाई के दौरान मृत महेश यादव के अलावा अन्य सात आरोपियों को गिरफ्तार कर सजा भुगतने के लिए जेल भेजे। कोर्ट ने सजायाफ्ता आरोपियों को मिली जमानत निरस्त कर दी है।

दिन दहाड़े की गयी हत्या

यह आदेश जस्टिस नाहिद आरामुनीस तथा जस्टिस सीडी सिंह की खण्डपीठ ने संग्राम सिंह व अन्य आरोपियों की सजा के खिलाफ अपील खारिज करते हुए दिया है। अपील पर आरोपियों को सत्र न्यायालय द्वारा दी गयी आजीवन कारावास की सजा को कोर्ट ने सही करार दिया। पीडि़त पक्ष की तरफ से अधिवक्ता एके ओझा ने प्रतिवाद किया और कहा कि आरोपियों ने दिनदहाड़े घेरकर हत्या की है। चश्मदीद गवाहों के बयान व मौके पर मिले साक्ष्यों के आधार पर सामूहिक रूप से हत्या में आरोपियों के लिप्त होने के पर्याप्त सबूत है। कमलापति राय ने संग्राम सिंह, मेहर सागर, मेहर सहाय, खलक सिंह, मोहन बिरथरे, जगवीर सिंह, हरि सिंह उर्फ बबली व महेश यादव के विरुद्ध अपने भतीजे की हत्या का आरोप लगाया। सभी आरोपियों को सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने सजा को सही करार दिया है।