शिवकुटी पूर्व दरोगा की हत्या की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा

गैंगरेप और हत्या जैसे जघन्य अपराध के आरोपियों की सुनवाई के दौरान सरकार को जमानत अर्जी पर कड़ा विरोध दर्ज कराना चाहिए। ऐसे अपराधियों को जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए। यह कहना है इलाहाबाद हाई कोर्ट का। बुधवार को शिवकुटी में सेवानिवृत्त दरोगा की पीट-पीटकर हत्या को स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही कोर्ट को बताया गया कि सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके बाद कोर्ट ने यह टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा कड़ा विरोध न किये जाने के चलते जमानत हो जाया करती है। सरकार को जमानत का जमकर विरोध करना चाहिए। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से कृत कार्यवाही की अगली सुनवाई की तिथि 24 सितम्बर को रिपोर्ट मांगी है।

जनहित याचिका कायम

मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने अपर महाधिवक्ता से पूछा कि मुख्य आरोपी फरार है। उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गयी। इस पर अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सभी फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। घटना की विवेचना की जा रही है। कोर्ट ने मंगलवार को दिनदहाड़े हुई घटना की मीडिया रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए कहा था कि सीसीटीवी फुटेज के बावजूद गिरफ्तारी क्यों नहीं की गयी और अपर महाधिवक्ता से जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने घटना की रिपोर्ट पर जनहित याचिका कायम कर ली है।